बीकानेर

ट्रेनों में लगाए एलएचबी कोच, सुरक्षा की दृष्टि से अहम

बीकानेर. सुरक्षा के लिहाज से रेलवे ट्रेनों में कोच बदल रहा है। ट्रेनों में नई तकनीक के एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। ताकि दुर्घटना के दौरान आपस में नहीं टकराए।

बीकानेरMar 16, 2019 / 08:24 pm

dinesh kumar swami

ट्रेनों में लगाए एलएचबी कोच, सुरक्षा की दृष्टि से अहम

बीकानेर. सुरक्षा के लिहाज से रेलवे ट्रेनों में कोच बदल रहा है। ट्रेनों में नई तकनीक के एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। ताकि दुर्घटना के दौरान आपस में नहीं टकराए। रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडड्र्स ऑर्गेनाइजेशन (एलएचबी ) यह टक्कररोधी कोच होते हैं। एलएचबी कोचों और सीबीसी कपलिंग होने से ट्रेन के कोचों के पलटने और एक दूसरे पर चढऩे की गुंजाइश नहीं रहती है। वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक जितेन्द्र मीणा के अनुसार गोरखपुर-हिसार गोरखधाम एक्सप्रेस में गोरखपुर से 16 मार्च से व हिसार से 17 मार्च से एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। इस ट्रेन में एक फस्र्ट मय सैकंड एसी, तीन थर्ड एसी, एक सैकंड एसी, आठ शयनयान, दो कुर्सीयान, पांच साधारण श्रेणी व दो पावरकार सहित कुल 22कोच होंगे। अब इस ट्रेन में चारों रैक एलएचबी के हो गए हैं।
 

 

दिल्ली-सराय रोहिल्ला में भी लगाए

दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर एक्सप्रेस में भी एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। दिल्ली सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस में दिल्ली सराय रोहिल्ला से पहला रैक 20 मार्च से व दूसरा रैक 21 मार्च से बीकानेर से पहला रैक 21 मार्च व दूसरा रैक 2२ मार्च से एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। इस ट्रेन एक फस्र्ट मय सैकंड एसी, दो सैकण्ड एसी, तीन थर्ड एसी, पांच द्वितीय शयनयान श्रेणी, पांच साधारण श्रेणी तथा दो पॉवरकार सहित कुल 18 कोच होंगे।
 

 

उच्च तकनीक से युक्त

एलएचबी कोच पुराने कन्‍वेशनल कोच से अलग होते हैं। ये उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। इन कोचों में बेहतर एक्जावर का उपयोग किया गया है। इससेे आवाज कम होती है। यानी कि पटरियों पर दौड़ते वक्‍त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज बहुत धीमी आती है। ये कोच स्‍टेनलेस स्‍टील से बने होते हैं। जबकि इंटीरियर डिजाइन एल्‍यूमीनियम से की गई है। जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में थोड़े हल्‍के होते हैं। इन कोचों में ***** ब्रेक कम समय व कम दूरी में अच्छे ढंग से ब्रेक लगा देते हैं।

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