बीकानेर

सितारों की तरह चमकी बाल वैज्ञानिकों की कल्पनाएं, कक्षा में उतर आया चंद्रयान

विद्यार्थियों ने दस से 15 दिनों तक कड़ी मेहनत से अगस्त में उतरे चन्द्रयान-3 के मॉडल का गहन अध्ययन कर इसे मूर्त रूप दिया।स्कूल के कक्षा-कक्षों में कई तरह के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे, लेकिन सभी कक्षा कक्षाओं में चन्द्रयान-3 उतरा हुआ दिखाई दे रहा था।

बीकानेरSep 22, 2023 / 02:43 am

Brijesh Singh

सितारों की तरह चमकी बाल वैज्ञानिकों की कल्पनाएं, कक्षा में उतर आया चंद्रयान

बीकानेर. दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाले चन्द्रयान-3 की कामयाबी का असर यहां बाल वैज्ञानिकों के मस्तिष्क पर इस कदर छाया हुआ है कि यहां लगाए गए स्कूली विज्ञान मेले में अधिकांश बाल वैज्ञानिकों ने इसका ही मॉडल बनाकर अपनी कल्पना को आकार दिया। गुरुवार को स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का विज्ञान मेला शहीद मेजर जेम्स थॉमस स्कूल में लगाया गया। इसमें जूनियर तथा सीनियर विद्यार्थियों के बनाए मॉडल प्रदर्शित किए गए थे। इन मॉडल्स में अधिकांश चन्द्रयान-3 के मॉडल थे। विद्यार्थियों ने दस से 15 दिनों तक कड़ी मेहनत से अगस्त में उतरे चन्द्रयान-3 के मॉडल का गहन अध्ययन कर इसे मूर्त रूप दिया।स्कूल के कक्षा-कक्षों में कई तरह के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे, लेकिन सभी कक्षा कक्षाओं में चन्द्रयान-3 उतरा हुआ दिखाई दे रहा था। इसके अलावा सड़क दुर्घटना, सोलर, पानी को गर्म करने, जैविक खेती की सिंचाई, कोविड मरीज के इलाज के मॉडल सहित कई मॉडल तैयार कर बाल वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। जितने भी मॉडल प्रदर्शित किए गए थे, उनकी जानकारी देने के लिए बाल वैज्ञानिक उत्सुक नजर आ रहे थे। मेले में जिले के 350 विद्यार्थियों ने अपने मॉडल प्रदर्शित किए

बाल वैज्ञानिकों की जुबानी

राजकीय महारानी उच्च माध्यमिक विद्यालय की दसवीं की छात्रा रेणु चौधरी ने चन्द्रयान-3 बनाने में एक सप्ताह का समय लिया। इसके लिए उसने खुद एक-एक उपकरण की खरीद की और इसे चलाने के तरीकाें को सीखा। उसने बताया कि जब से चन्द्रयान-3 की यात्रा सफल हुई थी। तभी से उसके मन में इसे बनाने की इच्छा हो गई थी। इसके लिए उसने यूट्यूब का सहारा भी लिया और इसे बनाने में काम आने वाली सामग्री एकत्र की। इसके बाद बिना किसी की सहायता के उसने चन्द्रयान-3 का मॉडल तैयार किया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र प्रवीण खत्री ने भी कुछ ऐसा ही विवरण दिया।

दिव्यांग विद्यार्थी भी पीछे नहीं

विज्ञान मेले में दिव्यांग विद्यार्थी भी पीछे नहीं रहे। राजकीय माध्यमिक मूक बघिर विद्यालय के होनहारों ने अपने शिक्षकों से समझे गए इशारों के माध्यम से ही कई तरह के मॉडल तैयार कर अपनी योग्यता को प्रदर्शित किया। स्कूल के विद्यार्थी कालूराम ने सड़क हादसों को रोकने से संबंधित मॉडल बनाकर अपने हुनर का लोहा मनवाया। इस स्कूल के 12 विद्यार्थियों ने अलग-अलग तरह के मॉडल प्रदर्शित कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।

उद्घाटन कार्यक्रम

स्कूल में जिला स्तरीय विज्ञान मेले का उद्घाटन किया गया। मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं रिसर्च ऑफिसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सुनील कुमार बोड़ा थे। स्कूल की प्राचार्य नजीमा अजीज भी मौजूद थीं। आयोजन कमेटी में विपिन जैन व प्रमोद शर्मा थे। कार्यक्रम में अतिथियों ने बाल वैज्ञानिकों के बनाए मॉडल की सराहना की। इसमें चयनित होने वाले 6 मॉडल्स को राज्य स्तर पर भेजा जाएगा।

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