पदयात्रियों के जत्थे भी पहुंचे
इससे पहले शनिवार रात्रि को कालदे माता मंदिर में जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें जसनाथ सम्प्रदाय के अनुयायियों ने सैकड़ों मण धधकते अंगारों पर आस्था के साथ अग्नि नृत्य किया। जिसमें हजारों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे। अनुयायियो ने धधकते अंगारों को मुंह के लेकर लोगों को अचंभित कर दिया।
हाथ में गेरुआ ध्वजा लिए जसनाथ जी महाराज का जयकारा लगाते डीजे की धुनों पर नाचते गाते पैदल यात्रियों के जत्थे धोक लगाने पहुंच रहे हैं, वही हजारों श्रद्धालु निजी वाहनों से पहुंचे। मेले में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित बाड़मेर, जालौर, नागौर, चूरू सहित आस पास के क्षेत्र से भी जसनाथ सम्प्रदाय के अनुयायी पहुंच रहे हैं।
परम्परागत खीचड़ा कढ़ी का भोजन
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सती माता मंदिर के महंत मोहननाथ ज्याणी द्वारा परम्परागत बाजरी, मोठ का घी खीचड़ा एवं कढ़ी के प्रसाद का भोजन दिया गया। मेले में रविवार को जिला पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा भी पहुंचे।
एसपी का मंदिर महंत मोहननाथ ज्याणी ने तस्वीर एवं जसनाथ सम्प्रदाय का साहित्य भेंट कर स्वागत किया। मेला कमेटी के विजपाल ज्याणी एवं दुलनाथ सिद्ध ने बताया कि श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था मंदिर धर्मशालाओं में की गई है। मेले में लूनकरनसर सीईओ दुर्गपाल सिंह, जामसर थानाधिकारी अमरसिंह के नेतृत्व में पुलिस बल मौजूद रहा।मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मौजूद रही।
अग्नि नृत्य आज कल
जसनाथ जी मंदिर के महंत बिरबलनाथ ज्याणी ने बताया कि 5 दिवसीय कतरियासर मेले में सोमवार को छठ को अग्नि नृत्य का आयोजन होगा, वहीं मंगलवार को धोक लगाई जाएगी।