यह केन्द्रीय भाव एवं आत्मिक भावना
बीकानेर की धरा से पूरे प्रदेश एवं देश के अनेक राज्यों में सृजनशील कवि-शायर, सम्पादक, एंकर, चित्रकार, व्यापारी, उद्योगपति, छात्र, मजदूर, गृहिणी, समाजसेवी, खेल जगत आदि विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने राजस्थानी के पक्ष में अपना समर्थन करते हुए गुरुवार को इसी बाबत सामूहिक उपवास रखकर केन्द्र सरकार को अहिंसात्मक तरीके से राजस्थानी की मान्यता के लिए मौन संकेत दिया है
कि अब सरकार राजस्थानी को उसका वाजिब हक शीघ्र दिया जाए। राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कवि-कथाकार कमल रंगा ने बताया कि प्रज्ञालय एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा चार दशक से चलाए जा रहे राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता एवं प्रदेश दूसरी राजभाषा बनाने के अहिंसात्मक आंदोलन की निरन्तरता में गुरुवार को डॉ. नरेश कुमार ‘सागर’, नीरज सिन्हा, अवनेश ‘कबीर’ चौहान-सम्भल, खलीक अहमद खां, डॉ. अर्पण जैन ‘अविरल’,
कैलाश सोनी ‘सार्थक’, ललिता बी जोगड़, टिकेश्वर सिन्हा, सुरेश
रायपुर , किशोर श्रीवास्तव, शशि श्रीवास्तव, विपनेश माथुर, आदि ने प्रतिकात्मक रूप से उपवास रखा। बीकानेर से 21 राजस्थानी समर्थकों लक्ष्मीनारायण रंगा, कमल रंगा, शिवशंकर भादाणी, मधुरिमा सिंह, अरविन्द ऊभा, मुखत्यार अली, मुनेन्द्र अग्निहोत्री, घनश्याम सिंह, माजिद खान गौरी, हरिनारायण आचार्य, शहबाज खान, पुखराज सोलंकी, मुराद, शमशेर, कार्तिक मोदी, चम्पालाल, प्रशांत जैन, श्यामसुन्दर, हटिला, उस्मान हारून एवं एडवोकेट राजेश गुप्ता ने उपवास रखा।
प्रशासन जुटा प्रचार-प्रसार में
बीकानेर. जिला प्रशासन राज्य सरकार की ओर से चार सालों में किए विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार करने में जुटा है। इसके लिए फोर्ट स्कूल मैदान में विकास प्रदर्शनी की तैयारी की जा रही है। 17 से 19 दिसम्बर तक विकास प्रदशनी लगेगी। इसमें 30 विभागों की स्टाल लगेगी। सहकार और खादी मेला लगेगा। विकास कार्यों की फिल्म दिखाई जाएगी।