इसलिए पड़ रहा है भटकना आमजन के लिए वार्ड पार्षद सर्व सुलभ होते हैं। वार्ड निवासी होने के कारण पार्षद प्रत्येक परिवार की जानकारी भी रखते हैं। किसी दस्तावेज के सत्यापन के लिए आमजन को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है। अपने वार्ड का निवासी होने के कारण पार्षद दस्तावेज सत्यापन करने में तत्परता भी रखते हैं। इसके विपरीत अधिकारियों के किसी दूसरे शहर का होने अथवा पार्षद जितनी पहचान नहीं होने के कारण दस्तावेजों के सत्यापन से बचना भी चाहते हैं।
इन दस्तावेजों में पार्षद का सत्यापन आमजन से जुड़े अनेक दस्तावेजों के सत्यापन में पार्षद के हस्ताक्षर और मोहर को आवश्यक किया हुआ है। किसी बच्चे का घर पर जन्म होने अथवा किसी व्यक्ति की घर पर मृत्यु होने पर वार्ड पार्षद सत्यापन करते हैं। इसी प्रकार मूल निवासी , आय घोषणा, जाति प्रमाण पत्र, निवास स्थान, पासपोर्ट, नया राशन कार्ड बनवाना, आधार संशोधन सहित विभिन्न प्रकार के कार्यों से जुड़े दस्तावेजों में पार्षद के सत्यापन हस्ताक्षर और मोहर की अनिवार्यता की हुई है। हालांकि इनके साथ राजपत्रित अधिकारियों से सत्यापन भी करवाने की व्यवस्था है।
निकाल रहे चक्कर निगम में निर्वाचित बोर्ड होने के दौरान वार्ड पार्षद अपने वार्ड के लोगों के दस्तावेजों के सत्यापन सहित अन्य प्रकार के सरकारी कार्यों को अपने स्तर पर पूर्ण करवाने में तत्पर रहते थे। अब बोर्ड भंग होने के बाद आमजन अपने स्तर पर ही सरकारी कार्यालयों में पहुंच रहे हैं व दस्तावेज पूर्ण करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। हर किसी को दस्तावेज पूर्ण करने की जानकारी नहीं होने पर लोग घंटों परेशान हो रहे हैं। छोटे-छोटे कार्यों के लिए लोग निगम सहित अन्य विभागों के कई चक्कर निकाल रहे हैं।
अधिकारी काट रहे कन्नी जो दस्तावेज पार्षदों की ओर से सत्यापित किए जाते हैं, उन दस्तावेजों को सत्यापित करने में अधिकतर अधिकारी कन्नी काट रहे हैं। जान-पहचान नहीं होने का हवाला देकर दस्तावेज सत्यापन में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि कुछ अधिकारी विभाग के किसी कर्मचारी से जान पहचान होने पर किसी प्रकार दस्तावेज का सत्यापन कर भी रहे हैं। निर्वतमान पार्षद लक्ष्मी कंवर हाडला ने मांग की है कि आमजन से जुड़े दस्तावेजों के सत्यापन में आ रही परेशानियां दूर होनी चाहिए।