बीकानेर

अनूपगढ़-बीकानेर रेल लाइन के लिए 2559 करोड़ रुपए की बनी डीपीआर

रेलवे के उच्च अधिकारियों की अगस्त के आखिरी दिनों में नई दिल्ली में अनूपगढ़-बीकानेर प्रस्तावित रेल लाइन को लेकर बैठक भी हो चुकी

बीकानेरSep 19, 2024 / 06:10 pm

Hari

रेलगाड़ी का फाइल फोटो।

जीएम ने दिया सुझाव, रिटर्न्स ऑफ रेवन्यू कम की रिपोर्ट, नॉर्म्स ने प्रस्तावित रेल लाइन पर को लेकर होगा निर्णय
छतरगढ़. तीन दशक से क्षेत्र की चल रही मुख्य मांग अनूपगढ़ से बीकानेर वाया छतरगढ़ रेल लाइन की स्वीकृति के लिए अभी कुछ और समय लग सकता है। इसका कारण रेलवे बोर्ड की ओर से जारी एलएलएस रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में रिटर्न्स ऑफ रेवेन्यू रेलवे बोर्ड के नियमों के तहत नई रेल लाइन की स्वीकृति को एकबारगी विचाराधीन रखा गया है।
रेलवे बोर्ड ने फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 4 सितंबर 2023 को एक निजी कंपनी को आदेश जारी किए गए थे।एफएलएस की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे विभाग ने डीपीआर तय की है। इसमें अनूपगढ़ से बीकानेर तक लाइन बिछाई के लिए कुल लागत 2559 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस रिपोर्ट में रेलवे विभाग के महाप्रबंधक ने अनुमत कर दिया है।वहीं एलएलएस सर्वे में संशोधन कर घड़साना के जालवाली गांव को रेल लाइन से जोड़ने की रिपोर्ट दी है।
अनूपगढ़-बीकानेर रेल लाइन बिछाने के लिए क्षेत्र में राजनीतिक प्रयास लगातार जारी है। संयुक्त रेल संघर्ष समिति छतरगढ़ अध्यक्ष ओमप्रकाश मेघवाल, घड़साना संयुक्त रेल संघर्ष समिति के छत्रसिह रमाणा, अनूपगढ़ संघ समिति के ओम चुघ, रेल संघर्ष समिति रावला से मोहन बेदी, खाजूवाला संघर्ष समिति के मदन अरोड़ा, शंकर पारीक, मनीराम गोदारा आदि के शिष्टमंडल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से नई दिल्ली में मिल कर प्रस्तावित रेल लाइन की मांग की है। रेलवे के उच्च अधिकारियों की अगस्त के आखिरी दिनों में नई दिल्ली में अनूपगढ़-बीकानेर प्रस्तावित रेल लाइन को लेकर बैठक भी हो चुकी है।
फाइनल लोकेशन रिपोर्ट दी

रेलवे चीफ इंजीनियर सी प्रथम एनडब्ल्यूआर की निगरानी में नागपुर की एमनिसी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से फाइनल लोकेशन रिपोर्ट दी गई है। इसके आधार पर रेलवे ने डीपीआर बनाई है। प्रस्तावित रेल लाइन बिछाई के लिए बीकानेर से अनूपगढ़ वाया छतरगढ़, खाजूवाला के लिए 186.625 किमी लंबी रेल लाइन का होगा। रेल लाइन बिछाने के लिए 2277.24 करोड़ तथा पूर्णतया लागत 2559.31 करोड़ रुपए आंकी गई है।
पांच साल में पूरा होगा काम

रेल लाइन की स्वीकृति जारी होने के बाद पूरा कार्य पांच साल में होगा। रेलवे ने अनूपगढ़ से 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड वाली ट्रेन चलाने के लिए डीपीआर में तय किया गया है। एफएलएस की रिपोर्ट मुताबिक रेलवे को प्रस्तावित रेल लाइन से यात्री किराया तय मानकों के मुताबिक मिल सकता है, लेकिन इकोनोमिक्स रेवन्यू कम मिलने की संभावना जताई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि घड़साना, रावला व खाजूवाला क्षेत्र में जिप्सम के भंडार, दोहन तथा परिवहन के आंकड़े नहीं होने के कारण रिटर्न रेवन्यू की रिपोर्ट नियमों में नहीं होना चिंताजनक मुद्दा बना है। रेलवे बोर्ड के नियमों में नहीं होने पर केंद्र सरकार इस नियम को हटा कर स्वीकृति जारी करवा सकतीं है।

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