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बीकानेर

वन और वन्यजीव संरक्षण का कानून बनाने की गूंजी मांग, बिश्नोई समाज का प्रतिनिधि मंडल करेगा सीएम से मुलाकात

प्रदेश में हरे पेड़ों की अवैध कटाई और वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया

बीकानेरJul 26, 2024 / 06:01 pm

Hari

नोखा में मुकाम में आयोजित आमसभा में मौजूद बिश्नोई समाज के लोग।

मुकाम में अभा बिश्नोई महासभा एवं पर्यावरण संघर्ष समिति के आहवान पर हुई आमसभा, खेजड़ला की रोही में अनिश्चितकालीन धरना रहेगा जारी

नोखा. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा एवं पर्यावरण संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को मुक्तिधाम मुकाम में आमसभा आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश में हरे पेड़ों की अवैध कटाई और वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही सोलर प्लांट लगाने की आड़ में राज्य वृक्ष खेजड़ी की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए खेजड़ला की रोही में चल रहे आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भावी रुपरेखा तैयार की गई।
आमसभा में मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद महाराज सहित अन्य समाज संतों के सानिध्य में चार घंटे तक गहन चिंतन-मंथन किया गया। अध्यक्षता बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूडि़या ने की। स्वामी रामानंद महाराज ने शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन को जारी रखने की बात कही। उन्होंने समाज का विशेष प्रतिनिधि मंडल बनाकर गंभीरता से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री से मिलकर राजस्थान में पेड़ सुरक्षा अधिनियम बनाने की मांग पूरजोर तरीके से उठाने की बात कही। स्वामी भागीरथदास शास्त्री ने समाज के राजनेता, धर्मनेता और पर्यावरण प्रेमियों को एकजुट होकर नया कानून बनाने के प्रयास तेज करने की बात कही।
स्वामी लालदास महाराज ने इस क्षेत्र में काम करने वाली सभी संस्थाओं को साथ लेकर संगठित आंदोलन जारी रखने की बात कही। आचार्य स्वामी कृपाचार्य महाराज ने आंदोलन का नेतृत्व निस्वार्थ, निष्कपट और ईमानदार लोगों के हाथ में रखने की बात कही। पांचलासिद्धा जसनाथ पीठ के आचार्य स्वामी सुरजनाथ महाराज ने कहा कि प्रकृति बचाने के नाम से बिश्नोई समाज ने विश्व में पहचान बनाई हैं। यह पहचान तभी कायम रहेगी जब हम जाम्भौजी की शिक्षा पर चलेगें। श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने बिश्नोई समाज द्वारा प्रकृति बचाने के लिए किए गये बलिदानों की जानकारी दी। गुरु जांभोजी के आदेश को अंगीकार करते हुए बिश्नोई धर्म के अनुयाईयों ने खेजड़ी को बचाने के लिए चार बार बलिदान दिए थे। अब 300 साल बाद फिर पेड़ों की सामत आई है और विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश किया जा रहा है। भारत के 10 राज्यों के प्रकृति संरक्षण के लिए वृक्ष सुरक्षा अधिनियम बने हुए हैं, उसी तर्ज पर राजस्थान में भी विशेष कानून बनाकर प्रकृति को बचाया जाना जरुरी है। आमसभा में प्रदेशभर से बिश्नोई समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
पहले मिलेंगे सीएम से, बाद में केंद्र सरकार तक जाएंगे

अभा बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बूडि़या ने नया कानून बनाने के लिए समाज के लोगों के उत्साह एवं उनकी त्याग भावनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि संतों के सानिध्य में समाज के वरिष्ठ लोगों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात करेगा, आवश्यक हुआ तो केंद्र सरकार तक जाएंगे। नया कानून बनने तक संघर्ष जारी रहेगा। आमसभा में एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि मंडल का गठन भी किया गया।नोखा के उद्योगपति राजाराम धारणियां ने आन्दोलन का बीड़ा उठाने वालो को धन्यवाद दिया और कहा यह परीक्षा की घड़ी है हमें मजबूत रहेना हैं व मजबूत कानून बनाने में सफलता हांसिल करनी है।
इन्होंने भी रखे विचार

आमसभा में बिश्नोई महासभा के महासचिव रुपाराम कालीराणा, डॉ. मधु बिश्नोई, रामगोपाल बिश्नोई, श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था बीकानेर के जिलाध्यक्ष महीराम दिलोईया, कमल सिंह यादव, लंदन प्रवासी डॉ. सविता आसोपा, अभा जम्भेश्वर सेवकदल के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह कस्वा, डॉ. दिनेश जाणी, महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रामस्वरुप धारणिया,, बीरमाराम लेघा, सुरेश बिश्नोई,,अमित कड़वासरा, सुनिल भाम्भू, बनवारी लाल डेलू, दिनेश धारणियां, सहीराम पूनियां, विकास धारणियां, राणाराम नैण, भजनाराम धीराणी, मोखराम धारणियां, संदीप कड़वासरा, ओम लोल, रामस्वरूप धायल, राजाराम सीगड़, स्वामी बालाचार्य, शिवराज जाखड़, किसनाराम चौधरी सहित 35 वक्ताओं ने प्रकृति बचाने के लिए नया कानून बनाकर राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई पूर्णतया प्रतिबंधित करने और बिना पेड़ काटे सोलर प्लांट लगाने की मांग की। जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रिछपाल फौजी ने आयोजन की व्यवस्था संभाली। संचालन सुभाष भांभू ने किया।

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