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बीकानेर

 क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशखबर, राजस्थान में विद्यार्थियों ने तैयार की रोबोटिक बॉलिंग मशीन, ये रहेगी रफ्तार

टी-20 विश्वकप में भारत की जीत के बाद क्रिकेट प्रेमी उत्साहित हैं वहीं अब क्रिकेट में बीकानेर का एक उत्पाद क्रांतिकारी बदलाव लेकर आ रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ बीकानेर (ईसीबी) के विद्यार्थियों ने एक बॉलिंग मशीन तैयार की है, जो कई वजहों से अपने आप में अनोखी है।

बीकानेरJul 05, 2024 / 08:09 am

Kirti Verma

अतुल आचार्य
टी-20 विश्वकप में भारत की जीत के बाद क्रिकेट प्रेमी उत्साहित हैं वहीं अब क्रिकेट में बीकानेर का एक उत्पाद क्रांतिकारी बदलाव लेकर आ रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ बीकानेर (ईसीबी) के विद्यार्थियों ने एक बॉलिंग मशीन तैयार की है, जो कई वजहों से अपने आप में अनोखी है। दरअसल, इस मशीन से न सिर्फ अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद बाहर निकलेगी, बल्कि उस गेंद में कितना घुमाव होगा। उसकी गति कितनी होगी और कोण कैसा होगा, यह सारा कुछ मशीन के सॉफ्टवेयर में लोड होगा। इससे बल्लेबाज न सिर्फ गेंद से प्रेक्टिस कर पाएगा, बल्कि वह स्पिन गेंदबाजी का भी अभ्यास कर सकेगा। यानी ऑफ स्पिन-लेग स्पिन के साथ बल्लेबाज इस गेंदबाजी मशीन से गुगली खेलने का भी अभ्यास कर पाएंगे। खास बात यह है कि इसकी विशिष्ट नियंत्रण प्रणाली से बॉल फीडर भी आसानी से कोच जैसा ही काम कर सकेगा। ईसीबी का इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग जल्दी ही इस मशीन के पेटेंट का भी दावा करेगा।
इन मेधावियों ने तैयार की मशीन
हरि सिह, प्रवीण, आर्यन, विकास और लक्ष्यराज।

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ऐसे किया तैयार
इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के विभागाध्यक्ष हरजीत सिह बताते हैं कि स्वचालित बॉलिंग रोबोटिक सिस्टम को तीन हिस्सों में तैयार किया गया है। पहला बॉलिंग मोटर ड्राइविंग सिस्टम है। इसमें दो डीसी मोटर तथा ईएसपी-32 माइक्रोकंट्रोलर तथा मॉस्फेट आधारित नियंत्रण प्रणाली है। इसी माइक्रो कंट्रोलर से जुडे सेंसर फेंकी गई प्रत्येक बॉल की रफ्तार भी माप सकेंगे। दूसरा हिस्सा बॉल फीडर सिस्टम भी एक नियंत्रित डीसी मोटर आधारित है, जो बॉल की उपलब्धता, कोच या खिलाडी की मंशा अनुरूप समय पर बॉलिंग मशीन से करवाती रहती है। तीसरा इंटीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टम है, जो कोच को बॉलिंग सिस्टम पर पूरा नियंत्रण प्रदान करता है। कोच एक ऐप के सहारे पूरा नियंत्रण रखते हुए अभ्यासरत बल्लेबाज के लिए बॉल की गति तथा स्पिन के प्रकार को पूरी तरह से नियंत्रित रख सकता है।
एआई आधारित इंस्ट्रूमेंटेशन की संभावनाएं हुई प्रबल
इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर राहुल राज चौधरी ने बताया कि छात्रों ने इंडस्ट्री ग्रेड के उत्पाद को न सिर्फ अपने आइडिया के साथ डिजाइन किया, बल्कि इसके प्रोटोटाइप को मूर्त रूप देकर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में एआई आधारित इंस्ट्रूमेंटेशन की सम्भावनाओं को प्रबल किया है। न सिर्फ क्रिकेट, बल्कि इस सिस्टम को अपग्रेड करते हुए टेनिस जैसे अन्य खेलों में भी उपयोग किया जा सकेगा।
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बहुत उपयोगी सिस्टम का डिजाइन एवं विनिर्माण किया
छात्रों की टीम ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च को बढावा देने की मंशा को साकार करते हुए खेल क्षेत्र में एक बहुत उपयोगी सिस्टम का डिजाइन व विनिर्माण किया है। यह ईसीबी के छात्रों की काबिलियत को दर्शाता है।
-डॉ. मनोज कुडी, प्राचार्य, ईसीबी
तकनीक निर्माण प्रगति का मुख्य आधार
आधुनिक युग में तकनीक निर्माण ही समाज की प्रगति का मुख्य आधार है। बीटीयू में मल्टी डिसिप्लिन रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। छात्रों तथा मेंटर शिक्षकों का नवाचार विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
  • प्रो. एके शर्मा, कुलपति बीटीयू

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