इस्तीफे में भाटी ने मेघवाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाया है। हालांकि भाटी ने कामना की कि मेघवाल की जगह पार्टी अन्य को टिकट दे, केन्द्र में भाजपा की सरकार बने और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने बताया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री सहित केन्द्रीय नेतृत्व के प्रकाश जावड़ेकर व ओमप्रकाश माथुर को मेघवाल की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में चेताया था।
बीकानेर के संगठन प्रभारी सतीश पूनिया को भी बताया था। भाटी ने आरोप लगाया कि मेघवाल ने बीकानेर जिले में लूणकरनसर को छोड़कर हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवारों के विरुद्ध प्रचार किया था। भाटी ने इस्तीफे में लिखा, भाजपा के आला नेताओं से बातचीत के बाद मुझे लगता है कि मेघवाल का टिकट व उम्मीदवारी तय है।
दूसरी बार टूटा नाता
भाटी का भाजपा से दूसरी बार नाता टूटा है। वर्ष 2003 में सामाजिक न्याय मंच से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल किया गया था। भाटी वर्ष 2008 में फिर भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए थे।
भाटी का भाजपा से दूसरी बार नाता टूटा है। वर्ष 2003 में सामाजिक न्याय मंच से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल किया गया था। भाटी वर्ष 2008 में फिर भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए थे।
तीन बार भाजपा से विधायक
श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र से भाटी 1980 से 2008 तक 7 बार विधायक चुने गए हैं। इनमें से 3 बार 1993, 1998 और 2008 में भाजपा के टिकट पर विधायक रहे। वह राज्य मंत्रिमण्डल में कई विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।
..ताकि बने दबाव!
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से मेघवाल का नाम भाजपा के टिकट के लिए लगभग तय माना जा रहा है। शनिवार को दिल्ली में भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक है। इसके बाद जिन 100 उम्मीदवारों की घोषणा होनी है, उनमें मेघवाल का नाम रुकवाने के लिए भाटी ने अंतिम हथियार इस्तीफे के रूप में चलाया है। पार्टी ने इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया है।
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से मेघवाल का नाम भाजपा के टिकट के लिए लगभग तय माना जा रहा है। शनिवार को दिल्ली में भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक है। इसके बाद जिन 100 उम्मीदवारों की घोषणा होनी है, उनमें मेघवाल का नाम रुकवाने के लिए भाटी ने अंतिम हथियार इस्तीफे के रूप में चलाया है। पार्टी ने इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया है।
टीस हार की भी
भाटी की पुत्रवधू पूनमकंवर श्रीकोलायत विधानसभा से चुनाव में उतरीं, तब केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम उनके पक्ष में प्रचार करने श्रीकोलायत क्षेत्र में नहीं गए। विधानसभा चुनाव पूनमकंवर हार गईं। भाटी को इसकी टीस भी है। माना जा रहा है कि एससी वर्ग के कुछ वोट पूनम को और मिलते तो वह जीत जातीं।
भाटी की पुत्रवधू पूनमकंवर श्रीकोलायत विधानसभा से चुनाव में उतरीं, तब केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम उनके पक्ष में प्रचार करने श्रीकोलायत क्षेत्र में नहीं गए। विधानसभा चुनाव पूनमकंवर हार गईं। भाटी को इसकी टीस भी है। माना जा रहा है कि एससी वर्ग के कुछ वोट पूनम को और मिलते तो वह जीत जातीं।