ऊंट और उत्साह दोनों ही कम आए नजर
इस बार के ऊंट उत्सव में लोगों का उत्साह काफी कम ही नजर आया। जहां हर साल स्थानीय और बाहरी सैलानियों की भागीदारी बड़ी संख्या में नजर आती थी लेकिन इस बार यह काफी कम नजर आया। साथ ही उत्सव के दौरान इस बार ऊंटों की संख्या भी काफी कम ही रही। इसके अलावा जहां हर साल ऊंट नृत्य में बड़ी संख्या में ऊंट पालक हिस्सा लेते थे लेकिन इस बार वो भी संख्या ना मात्र की थी। उत्सव में आग और पानी की बाल्टी के साथ ऊंट नृत्य हर किसी को आकर्षित करता था, लेकिन इस बार यह नृत्य सैलानियों को नजर नहीं आया। अंतिम दिन रायसर डेजर्ट में सैलानी जरूर बड़ी संख्या में पहुंचे, लेकिन ऊंटो के उत्सव में ऊंटों की संख्या कम होना चर्चा का विषय रही।
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पिकनिक सा माहौल
ऊंट उत्सव के अंतिम दिन धोरों पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी पहुंचे। यहां मंच के पीछे बने धोरों पर लोगों ने पूरे उत्सव का आनंद लिया। इस दौरान पिकनिक सा माहौल हो गया। कुछ लोग यहां पर खाने का सामान लेकर भी पहुंचे और खान-पान के साथ उत्सव का लुत्फ उठाया।
जॉर्जिया से पहुंचा विदेशी सैलानियों का दल
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े भुवनेश सोलंकी ने बताया कि इस बार जॉर्जिया से पूरा दल ही बीकानेर ऊंट उत्सव को देखने के लिए पहुंचा था। पिछले साल इसी दल का एक सदस्य बीकानेर आया था। इसके बाद इस साल पूरा दल एक साथ बीकानेर पहुंचा था।
रायसर में स्थित कैंपो को मिलेगी नई पहचान
रायसर में आयोजित हुए ऊंट उत्सव से काफी फायदा मिलेगा। बड़ी संख्या में इस बार भी पर्यटक यहां पहुंचे हैं। इससे यहां के डेजर्ट कैंपो को नई पहचान मिलेगी। स्थानीय पर्यटक भी जो यहां पहुंचे हैं, उनको भी इनके बारे में पता चलेगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
-शैलेंद्र सिंह शेखावत, पर्यटन व्यवसायी