बिना बिजली संचालन
पुरानी पद्धति के इन उपकरणों की एक खासियत यह भी है कि इनके लिए बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ती। हवा से ही इनका संचालन होता है। इन दोनों उपकरणों की मरमत लगभग नहीं के बराबर है। हवा की दिशा और हवा की गति मापने के लिए सबसे विश्वसनीय माने जाते है। यह भी पढ़ें
राजस्थान में पशुपालकों को बड़ी राहत, मंगला पशु बीमा योजना के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई सेवाओं के 150 वर्ष
मौसम विभाग के प्रभारी अधिकारी संजीव थानवी के अनुसार भारत मौसम विभाग की सेवाओं को 150 साल हो गए है। वर्ष 1877 में देश में भारत मौसम विभाग की सेवाएं प्रारंभ हुई थी। बीकानेर में वर्ष 1877 से विभाग की सेवाएं प्रारंभ हुई। विभाग का पहले कार्यालय सर्किट हाउस के सामने सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के पास वाली गली में था। करीब 27 साल से मुरलीधर व्यास नगर में संचालित हो रहा है। यह भी पढ़ें : 1 अप्रेल से राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में होगा ये जरूरी काम, शिक्षा सचिव का निर्देश
16 भाग में बांटता है हवा की दिशा
विंड वेन हवा की दिशा बताने वाला उपकरण है। इसे हवा दिशा सूचक यंत्र भी कहते हैं। इसमें हवा की दिशाओं को 16 भागों में बांटा गया है। शहर में हवा किस समय किस दिशा की ओर चल रही है, इसकी जानकारी यह देता हैगति को मापता है एनेमोमीटर
एनेमोमीटर हवा की गति को मापने वाला उपकरण है। इसे वायु गति मापक यंत्र भी कहते हैं। यह हवा की गति को प्रति किलोमीटर की दर से दर्शाता है। यह मिक्स धातु से बना उपकरण है। किस समय कितनी गति से हवा चल रही है, इसकी जानकारी देता है। यह भी पढ़ें : राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं के पुनर्गठन की कवायद, विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश
विंड वेन और एनेमोमीटर उपकरण अधिक विश्वसनीय
पुरानी तकनीक से संचालित विंड वेन और एनेमोमीटर उपकरण अधिक विश्वसनीय है। ये उपकरण बिना बिजली के संचालित होते है। इनसे हर तीन घंटे के अंतराल पर रीडिंग ली जाती है। मौसम विभाग के अधिकांश केन्द्रों में हवा की दिशा और हवा की गति मापने के लिए इनका ही उपयोग होता है। हालांकि विभाग कुछ केन्द्रों पर अत्याधुनिक तकनीकके उपकरण भी आ गए है लेकिन इन्हें चलन से बाहर नहीं किया गया है। संजीव थानवी, प्रभारी अधिकारी एवं मौसम विज्ञानी, भारत मौसम विभाग, बीकानेर यह भी पढ़ें : राजस्थान में कुदरत का करिश्मा, पहले ही प्रसव में महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म