बीकानेर थियेटर फेस्टिवल: दूसरे दिन हुआ पांच नाटकों का मंचन, कई रंग देखने को मिले, देखें तस्वीरें
बीकानेर•Mar 16, 2019 / 11:42 am•
dinesh kumar swami
सम्मान का दिया संदेश प्रेमचंद की कहानी पर आधारित व आभाशंकर निर्देशित नाटक 'बूढ़ी काकीÓ का मंचन रेलवे ऑडिटोरियम किया गया। नाटक एक बूढ़ी काकी के इर्द-गिर्द घुमता है। घर में बेटे का तिलक फिर भी भूखी काकी रात को पतल में जूठा खाना खाती दिखती है। अपने भतीजे बुधिनाथ के आश्रय पर रहती बूढ़ी काकी नाटक के माध्यम से वर्तमान में बुजुर्गों के प्रति
किसान का संघर्ष रेलवे ऑडिटोरियम में तीसरा नाटक चंड़ीगढ़ के अनूप शर्मा के निर्देशन में मुंशी प्रेमचंद की कहानी पूस की रात पर आधारित नाटक 'कम्बलÓ का प्रभावी मंचन किया गया। नाटक में एक किसान के संघर्ष को साकार किया गया है। किसान दिन-रात महनत करने के बाद भी अपनी आम जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता और पूंजीपत्तियों से परेशान होकर आत्म हत्या करने की सोचता है। लेकिन अंत में किसान द्वारा जीवन समाप्त करने की बजाय संघर्षमय जीवन को जीने के निर्णय को प्रभावी रूप से मंचित किया गया है।
कबीर दर्शन की यात्रा चौथे नाटक विजय दान देथा की कहानी 'दूजा कबीरÓ का मंचन टाउन हॉल में जयपुर के जयरूप जीवन के निर्देशन में किया गया। इस नाटक में संत कबीर के दर्शन व उनकी यात्रा को प्रभावी रूप से उजागर किया गया। राजा को एक छोटे से गांव में पड़ाव लेना पड़ा, जहां प्रसिद्ध बुनकर, कलाकार कबीर रहते हैं। राजा कबीर को खुश करना चाहता है, लेकिन कबीर राजा को कोई भी वस्तु बेचने या देने से इनकार करते हैं। इसी ताने-बाने का बुनता नाटक हर स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ता नजर आया।
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