बीकानेर. देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को प्रदेश में हासिल कर पाना आसान नहीं दिखता। कम से कम जिस गति से प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा इसकी रोकथाम के लिए प्रयासरत है। साल 2019 में प्रदेश में अभी तक 1 लाख 46 हजार से अधिक टीबी के नए रोगी सामने आ चुके हैं।
चिंताजनक स्थिति राजधानी जयपुर की है। जहां पांच महीने में सर्वाधिक 10 हजार से अधिक
रोगी सामने आए हैं। सबसे कम करीब 1099९ रोगी बाड़मेर में रिपोर्ट हुए हैं।
चिंताजनक स्थिति राजधानी जयपुर की है। जहां पांच महीने में सर्वाधिक 10 हजार से अधिक
रोगी सामने आए हैं। सबसे कम करीब 1099९ रोगी बाड़मेर में रिपोर्ट हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व को 2030 तक टीबी जैसी संक्रमण बीमारी से मुक्त करने की मुहिम चला रखी है। मुहिम के तहत भारत ने 2025 तक ही देश को टीबी से पूरी तरह से मुक्त करने का एलान किया हुआ है। प्रदेशभर में एक जुलाई से घर-घर सर्वे शुरू कर टीबी रोगियों की पहचान और उपचार की मुहिम छेड़ी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 30 जून तक प्रदेश में टीबी रोगियों के आंकड़े को मुहिम का आधार बनाया है।
चौंकाने वाले हैं आंकड़े
प्रदेश की राजधानी जयपुर में साल 2018 में 9812 रोगी सामने आए थे। इस साल पांच महीने में ही सालभर से अधिक 10 276 रोगी सामने आ चुके हैं। हालांकि यह विरोधाभास खुद ही स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है।
प्रदेश की राजधानी जयपुर में साल 2018 में 9812 रोगी सामने आए थे। इस साल पांच महीने में ही सालभर से अधिक 10 276 रोगी सामने आ चुके हैं। हालांकि यह विरोधाभास खुद ही स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है।
दस प्रतिशत संभावना
सामान्य व्यक्ति में टीबी रोग होने की संभावना जीवनकाल में 10 प्रतिशत रहती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने, शुगर, कैंसर व एचआइवी, कुपोषण, नशे से पीडि़त लोगों के संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है।
सामान्य व्यक्ति में टीबी रोग होने की संभावना जीवनकाल में 10 प्रतिशत रहती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने, शुगर, कैंसर व एचआइवी, कुपोषण, नशे से पीडि़त लोगों के संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है।
वर्ष 2018 में सामने आए रोगी
जयपुर 9812
अजमेर 4041
जोधपुर 3830
अलवर 3458
हनुमानगढ़ 3173
बीकानेर 3008
श्रीगंगानगर 2850
चूरू 2013
बाड़मेर 1756
नागौर 1675 वर्ष 2019 में मई तक रिपोर्ट रोगी
जयपुर 10276
अजमेर 3581
जोधपुर 3508
अलवर 3893
हनुमानगढ़ 2227
बीकानेर 2371
श्रीगंगानगर 2529
चूरू 1524
बाड़मेर 1099
नागौर 2152
जयपुर 9812
अजमेर 4041
जोधपुर 3830
अलवर 3458
हनुमानगढ़ 3173
बीकानेर 3008
श्रीगंगानगर 2850
चूरू 2013
बाड़मेर 1756
नागौर 1675 वर्ष 2019 में मई तक रिपोर्ट रोगी
जयपुर 10276
अजमेर 3581
जोधपुर 3508
अलवर 3893
हनुमानगढ़ 2227
बीकानेर 2371
श्रीगंगानगर 2529
चूरू 1524
बाड़मेर 1099
नागौर 2152
जागरूकता बढ़ी
टीबी के रोगियों की संख्या बढऩे का कारण लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता बढऩा है। टीबी रोगी की पहचान करने वाले स्वास्थ्यकर्मी को प्रोत्साहन राशि देनी शुरू की है। भारत को टीबी मुक्त करने की मुहिम के तहत प्रदेश में एक से 17 जुलाई तक टीबी रोगियों की पहचान का पहला चरण चल रहा है।
डॉ. सीएस मोदी, जिला क्षय अधिकारी, बीकानेर
टीबी के रोगियों की संख्या बढऩे का कारण लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता बढऩा है। टीबी रोगी की पहचान करने वाले स्वास्थ्यकर्मी को प्रोत्साहन राशि देनी शुरू की है। भारत को टीबी मुक्त करने की मुहिम के तहत प्रदेश में एक से 17 जुलाई तक टीबी रोगियों की पहचान का पहला चरण चल रहा है।
डॉ. सीएस मोदी, जिला क्षय अधिकारी, बीकानेर
लोग टीबी का पूरा इलाज नहीं लेते
प्रत्येक टीबी रोगी की सीबीनॉट से जांच की जा रही है। एमडीआर टीबी का पता लगा रहे हैं। बीकानेर जिले में टीबी रोगी हैं, लेकिन जागरूकता आने से लोग अधिक संख्या में जांच कराने आ रहे हैं। बीकानेर में मरीजों के ठीक होने की दर घटना चिंता का विषय है। लोग टीबी का पूरा इलाज नहीं लेते, जिससे वे बार-बार टीबी की चपेट में आ रहे हैं।
डॉ. गुंजन सोनी, श्वसन एवं टीबी रोग विभागाध्यक्ष, पीबीएम अस्पताल
प्रत्येक टीबी रोगी की सीबीनॉट से जांच की जा रही है। एमडीआर टीबी का पता लगा रहे हैं। बीकानेर जिले में टीबी रोगी हैं, लेकिन जागरूकता आने से लोग अधिक संख्या में जांच कराने आ रहे हैं। बीकानेर में मरीजों के ठीक होने की दर घटना चिंता का विषय है। लोग टीबी का पूरा इलाज नहीं लेते, जिससे वे बार-बार टीबी की चपेट में आ रहे हैं।
डॉ. गुंजन सोनी, श्वसन एवं टीबी रोग विभागाध्यक्ष, पीबीएम अस्पताल