गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि शनिवार को दोनों की लोकेशन पहले जयपुर फिर मुंबई आई। दोनों ट्रेन से कोच्चि, तिरुवनंतपुरम होते हुए मंगलवार शाम चेन्नई पहुंचीं। जहां एक सेंटर में रुकी हुई थीं। इनकी लोकेशन जैसे ही ट्रैस हुई बीकानेर पुलिस की सूचना पर चेन्नई पुलिस ने दोनों को दस्तयाब कर लिया। गृह मंत्रालय ने भी इस घटना पर राजस्थान पुलिस और गृह विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
चेन्नई से पहले कई शहरों में रुके – बीकानेर आईजीपी
बीकानेर आईजीपी ओम प्रकाश ने बताया कि पुलिस टीम को उनकी तलाश की जिम्मेदारी सौंपी गई। दोनों चेन्नई पहुंचने से पहले कई शहरों में रुकी थीं। लड़की को उसके गृहनगर लाया जाएगा और अपहरण, आपराधिक साजिश और जबरन शादी के आरोपी शिक्षक पर पुलिस, प्रेस के सामने उसका बयान दर्ज करेगी।
टीचर के दो भाईयों पर भी दर्ज कराई एफआईआर
बताया जा रहा है कि लड़की 12वीं कक्षा की छात्रा थी। माता-पिता ने 1 जुलाई को उसके लापता होने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि वह सुबह 7.30 बजे स्कूल के लिए निकली और वापस नहीं लौटी। शिक्षिका के अलावा, एफआईआर में उसके दो भाइयों को कथित अपराध में साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है।
दोनों पक्षों ने एफआईआर दर्ज कराई
सूत्रों ने कहा कि जिस दिन लड़की के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसी दिन शिक्षक के परिवार ने भी पुलिस स्टेशन में “गुमशुदगी की रिपोर्ट” दर्ज कराई थी। कई दक्षिणपंथी संगठनों ने दावा किया कि कथित अंतरधार्मिक संबंध “लव जिहाद” का मामला था।
श्रीडूंगरगढ़ में प्रदर्शन, पोक्सो एक्ट जोड़ने की मांग
दूसरी ओर श्रीडूंगरगढ़ में प्रदर्शन कर रहे छात्रा के परिजन और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने घटना में निजी स्कूल की शिक्षिका निदा बहलीम के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा जोड़ने की भी मांग की है।
उठ रहे हैं कई सवाल
जांच में पता चला है कि शिक्षिका एवं छात्रा छह दिन से लंबी दूरी की ट्रेनों के एसी कोच में सफर कर रही थीं। इस पर कई सवाल उठ रहे हैं। इन गाड़ियों की टिकट बुकिंग कौन करा रहा था। दोनों मुंबई और कोच्चि के बेहतरीन होटलों में रुकी थीं, जहां हजारों रुपए खर्च हुए। दोनों के पास इतने रुपए कहां से आया। इनके तमाम खर्चे और यात्रा का प्रबंधन कौन कर रहा था।
अब आगे क्या होगा जानिए
नाबालिग के गायब होने के बाद केस अपहरण की धाराओं में दर्ज हुआ है। यह पूरा मामला अब नाबालिग के कोर्ट में दिए गए बयानों पर निर्भर करेगा। बीकानेर पहुंचने के बाद पुलिस टीम दोनों को कोर्ट में पेश करेगी। मजिस्ट्रेट के समक्ष नाबालिग छात्रा और महिला टीचर के अलग-अलग बयान दर्ज किए जाएंगे। अगर नाबालिग छात्रा मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में यह कहती है कि वह जानबूझकर कर गई थी और किसी ने उसका अपहरण नहीं किया। ऐसी स्थिति में महिला टीचर और उनके परिवार वालों पर दर्ज हुआ अपहरण का केस रद्द हो जाएगा। अगर नाबालिग छात्रा यह कहती है कि उसे बहलाया फुसलाया गया है तो फिर अपहरण के केस में आगे की कानूनी कार्रवाई होगी।