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बीकानेर

मौसमी बीमारियों से पीडितों के लिए फिर खुला एमसीएच अस्पताल

अब मरीजों को फर्श पर भर्ती नहीं करना पड़ेगा
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा, चिकित्सकों ने खींचा ध्यानकोरोनाकाल के बांद बंद कर दिया था

बीकानेरSep 29, 2022 / 10:23 am

Atul Acharya

मौसमी बीमारियों से पीडितों के लिए फिर खुला एमसीएच अस्पताल

संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में अब मरीजों को फर्श पर सुलाने की समस्या आड़े नहीं आएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्था कर दी है। अस्पताल में इस समय मौसमी बीमारियों को लेकर आउटडोर में भारी भीड़ आ रही है। इसमें से डेंगू तथा मौसमी बुखार के मरीजों को तीन से पांच दिन तक भर्ती करना पड़ रहा है। अस्पताल में पलंग कम हैं तथा मरीजों की संख्या अधिक है इस कारण मरीजों को जमीन पर ही सुलाना पड़ता है। । इस परेशानी को देखते हुए कॉलेज के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक अस्पताल के अधीक्षक तथा मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से भी मिले थे। अब एमसीएच अस्पताल में डेंगू तथा अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों को भर्ती करने आरक्षित किया गया है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने बताया कि मौसमी बीमारियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए एमसीएच अस्पताल के प्रथम एवं द्वितीय तल में भर्ती किया जाएगा।पूर्व में कोरोना पीडि़तों के लिए खोला था

एमसीएच विंग को पूर्व में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए खोला था। कोरोना की पहली लहर के दौरान एसएसबी को खोला गया था। बाद में दूसरी लहर के दौरान मरीजों की संख्या बढ़ने एवं एसएसबी में अन्य बीमारियों के मरीजों को भर्ती करने की वजह से एमसीएच विंग में काेरोना पीडि़तों को भर्ती करना प्रारंभ किया गया था। बाद में कोरोना कमजोर होने के कारण इसे जनाना अस्पताल बना दिया था। अभी यहां पर महिला मरीजों की कम भर्ती करने के कारण पहला और दूसरा तल मौसमी बीमारियों के लिए आरक्षित किया गया है।पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने मरीजों के फर्श पर सुलाने का मुद्दा उठाया था। पत्रिका के 17 सितंबर के अंक में फर्श पर रोगी, ताक पर सुरक्षा शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद औषध विभाग के चिकित्सक अस्पताल प्रशासन से भी मिले थे। इस पर अस्पताल प्रशासन भी इस मुद्दे को लेकर गंभीर हो गया था। इसके बाद एमसीएच अस्पताल खोलने का आदेश जारी किया गया।

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