मौके पर कोच को काटकर अलग किया गया। इनमें फंसे यात्रियों को बाहर निकालने और डमी घायलों को एबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने की रिहर्सल की गई। सूचना देने के काउंटर समेत तमाम व्यवस्थाएं की गई। करीब सवा घंटे चली इस रिहर्सल में विभिन्न विभागों के क्विक रिस्पोंस को परखा गया। अपर मण्डल रेल प्रबंधक रुपेश यादव ने बताया कि एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन यानी एआरटी को आधुनिक बनाया जा रहा है। इस मॉक ड्रिल के दौरान सामने आई कमियों को सुधारा जाएगा।
1 घंटे 10 मिनट तक मॉक ड्रिल
रेलवे के लालगढ़ स्टेशन यार्ड में संरक्षा विभाग की ओर से सुबह 10 बजकर 10 मिनट से 11 बजकर 20 मिनट तक मॉक ड्रिल की गई। शंटिंग मास्टर की ओर से स्टेशन मास्टर लालगढ़ तथा नियंत्रण कार्यालय को सूचना दी गई। इसमें रेलवे स्टाफ एवं ठेकेदार के हेल्परों को गंभीर चोट लगना बताया गया। रेलवे ने आपदा प्रबंधन की कार्यवाही शुरू की। हूटर बजने के साथ ही सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन एवं दुर्घटना राहत गाड़ी को घटना स्थल लालगढ़ स्टेशन यार्ड के लिए रवाना किया गया। मौके पर एक स्लीपर कोच दूसरे स्लीपर कोच के ऊपर चढ़ा हुआ था। दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी सहयोगियों को तत्काल सूचित किया गया। इस दौरान डमी 47 व्यक्ति घायल यात्रियों को बाहर निकाल कर उपचार की व्यवस्था की गई।