Bikaner News: बाजार में हम आमजन के उपयोग की हर चीज की कालाबाजारी तो सुनते ही आ रहे हैं, लेकिन 10 व 20 रुपए के नए नोटों की गडि्डयां बेचने का धंधा शायद पहली बार सामने आ रहा है।
यूं तो बीकानेर में ही यह बीमारी बड़े पैमाने पर सामने आती दिखाई दे रही है। हालांकि, जानकारों की मानें तो यह समस्या पूरे राज्य में है। लोगों को बैंकों से नए नोटों की डिमांड के बदले निराशा हाथ लगती है, जबकि दुकानदारों ने 10 व 20 रुपए के नोटों की गड्डियों की बाकायदा दुकान जैसी खोल रखी है। यहां तक कि उन्होंने इनके दाम भी तय कर रखे हैं। हैरत की बात यह है कि नोट की इस कालाबाजारी पर बैंक कोई अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
हर गड्डी की दर तय, जरूरत होगी तो लेंगे
बैंक शाखाओं में 10 व 20 रुपए के नए नोटों की किल्लत बताकर उपभोक्ताओं को बैरंग लौटाया जाता है। बाजार में फटे-पुराने नोट लेने वालों का कहना है कि अब दस के सिक्के चल जाने से नए नोटों की कम मांग आ रही है। शहर में नोटों की माला बनाने वाले व्यापारियों के पास पत्रिका टीम गई, तो वहां 10 रुपए के नए नोटों की एक गड्डी के 1400 रुपए मांगे गए।
दुकानदार से जब कहा कि कुछ कम करो, तो उसका जवाब था जरूरत होगी तो लोगे। मुझे लगता है आपको जरूरत नहीं है। असल में शहर में नए नोटों की माला बनाकर बेचने वालों के लिए नए नोटों की कमी नहीं है।
सिफारिशें भी नहीं आ रही काम
कई लोग बैंक शाखा प्रबंधकों के पास 10 व 20 के नए नोटों की गड्डी के लिए सिफारिशें तक कराते हैं। फिर भी उनको नए नोट नहीं मिलते हैं। शहर में मुख्य पीपी ब्रांच में भी नए नोट नहीं हैं।
10-50-200 रुपए के नए नोट नहीं मिल रहे
बैंक कर्मचारी दबी जुबान में बताते हैं कि 10 रुपए, 50 रुपए व 200 रुपए के नए नोट आम आदमी को फिलहाल नसीब नहीं हैं। अगर घर में शादी ब्याह है, तो इन नोटों को हासिल करने के लिए उन्हें बैंककर्मी दोस्तों की सिफारिश करनी पड़ती है। बैंकों में एक, दो, पांच, दस व 20 व 50 रुपए के नए नोट ब्रांच में सीमित मात्रा में भेजे जाते हैं। इनकी सिफारिशी बुकिंग पहले से ही रहती है। इसलिए यह नोट आम जनता को नहीं मिल पाते।
नोट लीगल टेंडर होता है
बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी के मुताबिक रुपए लीगल टेंडर हैं। इसकी बिक्री अधिक कीमत पर नहीं की जा सकती है। यह सरासर अपराध है। लीगल टेंडर को आप सरकार की अनुमति के बिना बिक्री तो दूर, उसे नष्ट भी नहीं कर सकते हैं। इस मामले में जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
कैसे लगे अंकुश
– आरबीआई की ओर से नए नोटों को लेकर कोई नियम नहीं बनाए गए हैं – कटे-फटे, जले नोटों के बदलने के तय हैं नियम – नए नोटों की कालाबाजारी रोकने को लेकर आरबीआई की कोई योजना नहीं
सीमित मात्रा में आते हैं नए नोट
10 व 20 रुपए के नए नोटों की गड्डियां आरबीआई से सीमित मात्रा में मिलती हैं, जिन्हें बैंक की अन्य शाखाओं में भी वितरित किया जाता है। 10 की गड्डियां कम आती हैं। 20, 50 और 100 रुपए के नए नोटों की गड्डियां उपलब्ध हैं। बाजार में कहां से आ रही हैं, यह हमारी जानकारी में नहीं है और न ही हमारे बैंक से उनका कोई लिंक है। – महेन्द्र मीणा, मुख्य प्रबंधक, एसबीआई पीपी ब्रांच