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बीकानेर

उठी उठी गवर निंदाडो खोल…

गणगौर पूजन – घर-घर गूंजे गणगौर के पारंपरिक गीत
बालिकाओं ने शुरु किया गणगौर पूजन अनुष्ठान

बीकानेरMar 08, 2023 / 10:03 pm

Vimal

उठी उठी गवर निंदाडो खोल...

उठी उठी गवर निंदाडो खोल…

उठी-उठी गवर निंदाड़़ो खोल, बाडी आळा बाड़ी खोल और टीकी दो भई टीकी दो सरीखे गणगौरी गीतों की गूंज घर-घर में है। धुलंडी से शुरु हुए सोलह दिवसीय बाला गणगौर पूजन अनुष्ठान में बालिकाएं अपने घरों की छतों पर अबीर, गुलाल, पुष्प, इत्र से मां गवरजा का पूजन कर रही है। अच्छे वर एवं अच्छे घर की कामना को लेकर बालिकाएं मिट्टी के पालसिए में होलिका दहन की राख से बनाई गई पिंडोलिया रखकर पारंपरिक गणगौरी गीतों के गायन के बीच गवर का पूजन कर रही है। सोलह दिनों तक यह पूजन अनुष्ठान चलेगा। इस दौरान दांतणिया, घुडला , गवर का बासा देने और गवर पूगाने की रस्मों का निर्वहन होगा।

उकेर रही चित्र

गणगौर पूजन के दौरान बालिकाएं घरों की छतों पर अपने मन के भावों को चित्रों के माध्यम से उकेर रही है। सफेद मिट्टी से स्वास्तिक, सूर्य, चन्द्रमा,रेल, वाहन, पुष्प, पेड़, घरेलू उपयोग की सामग्री सहित विभिन्न प्रकार के चित्र बना रही है। दांतणियां की रस्म के दौरान भी सार्वजनिक स्थानों पर चित्र बनाकर उनमें विभिन्न रंगों की गुलाल से रंग भरे जाएंगे।

होंगे गीत, नृत्य और गणगौर गोठ

बाला गणगौर पूजन उत्सव के दौरान बालिकाएं गवर और ईसर की प्रतिमाओं का पूजन, श्रृंगार कर गणगौर गीतों का गायन करेंगी। गणगौर गीतों के गायन के साथ नृत्य के भी आयोजन होंगे। गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष विविध व्यंजनों का भोग अर्पित कर गवर को पानी पिलान की रस्म भी होगी। बालिकाएं व युवतियां सामूहिक रुप से गणगौर गोठ के भी आयोजन करेंगी।

सज रही प्रतिमाएं

गणगौर पूजन उत्सव प्रारंभ होने के साथ ही घर-घर और बाजारों में गवर, ईसर और भाया की प्रतिमाओं को सजाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रतिमाओं को पारंपरिक वस्त्रों, आभूषणों से सजाया जा रहा है। बाजारों में गवर और ईसर को सजाने के लिए वस्त्र और आर्टिफिशियल ज्वैलरी की बिक्री भी चल रही है।

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