उकेर रही चित्र
गणगौर पूजन के दौरान बालिकाएं घरों की छतों पर अपने मन के भावों को चित्रों के माध्यम से उकेर रही है। सफेद मिट्टी से स्वास्तिक, सूर्य, चन्द्रमा,रेल, वाहन, पुष्प, पेड़, घरेलू उपयोग की सामग्री सहित विभिन्न प्रकार के चित्र बना रही है। दांतणियां की रस्म के दौरान भी सार्वजनिक स्थानों पर चित्र बनाकर उनमें विभिन्न रंगों की गुलाल से रंग भरे जाएंगे।
होंगे गीत, नृत्य और गणगौर गोठ
बाला गणगौर पूजन उत्सव के दौरान बालिकाएं गवर और ईसर की प्रतिमाओं का पूजन, श्रृंगार कर गणगौर गीतों का गायन करेंगी। गणगौर गीतों के गायन के साथ नृत्य के भी आयोजन होंगे। गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष विविध व्यंजनों का भोग अर्पित कर गवर को पानी पिलान की रस्म भी होगी। बालिकाएं व युवतियां सामूहिक रुप से गणगौर गोठ के भी आयोजन करेंगी।
सज रही प्रतिमाएं
गणगौर पूजन उत्सव प्रारंभ होने के साथ ही घर-घर और बाजारों में गवर, ईसर और भाया की प्रतिमाओं को सजाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रतिमाओं को पारंपरिक वस्त्रों, आभूषणों से सजाया जा रहा है। बाजारों में गवर और ईसर को सजाने के लिए वस्त्र और आर्टिफिशियल ज्वैलरी की बिक्री भी चल रही है।