बंद के तहत बीकानेर का मुख्य बाजार सुबह नहीं खुला। बंद समर्थकों की टोलियां मुख्य बाजार केईएम रोड पर नारे लगाते घूम रही है। जिले के तहसील और उपखण्ड मुख्यालयों के बाजार भी गुरुवार नहीं खुले हैं।
बैठक का हुआ आयोजन
इससे पहले बुधवार को बिश्नोई धर्मशाला में संतों के सान्निध्य में बैठक आयोजित की गई। इसमें अलग-अलग टोलियां बनाकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में स्वामी हरिनारायण महाराज, कृपाचार्य महाराज, बालक पवनपुरी महाराज के सान्निध्य में बंद की रूपरेखा तैयार की गई थी।कैंडल मार्च निकाला
बंद को लेकर बुधवार को कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडल मार्च सादुल सर्कल से शुरू हुआ जो दो पीर तक चला। संघर्ष समिति के संयोजक रामगोपाल बिश्नोई ने बताया कि व्यापारियों को पीले चावल देकर बंद में सहयोग मांगा गया था। सभी संस्थाओं और संगठनों ने बंद में सहयोग दिया है, आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से रहेगा। कैंडल मार्च में मनोज बिश्नोई, सुभाष बिश्नोई, रिछपाल फौजी, मोखराम धारणिया, हनुमान बेनीवाल, ओमप्रकाश खीचड़ आदि ने व्यापारियों से बंद में सहयोग मांगा था। भाजपा नेता देवीसिंह भाटी ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की थी। भाटी ने कहा है कि उनके कार्यकर्ता बीकानेर बंद में सहयोग करेंगे।
खेजड़ी कटाई से पर्यावरण प्रेमी नाराज
नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई के अनुसार नोखा दैया में सोलर प्लांट्स लगाने के लिए खेजड़ी के पेड़ों को काटा गया है। मुख्यमंत्री से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर यह मामला रखा था। उन्होंने खुद भी मुख्यमंत्री से मिलकर खेजड़ी की कटाई पर रोक लगाने और कानून बनाने की मांग की। तीन-चार दिन पहले फिर खेजड़ी के पेड़ काटने की घटना से पर्यावरण प्रेमियों में भारी रोष है। बीकानेर बन्द की घोषणा की गई है। मुख्यमन्त्री से आग्रह किया है कि प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर विस्तृत चर्चा कर पर्यावरण प्रेमियों की भावना अनुसार सकारात्मक निर्णय किया जाए।