दरअसल, हुआ यूं कि पहले दिन रविवार रात जब कागजातों की जांच-पड़ताल शुरू हुआ, तो जितने लोगों ने आवेदन भरे थे और जितने युवा यहां बीकानेर में भर्ती परीक्षा देने पहुंचे, उनमें से पहले ही राउंड यानी की कागजातों की चेकिंग में ही आधे के लगभग अभ्यर्थी मुकाबले से ही बाहर हो गए, क्योंकि उनके कागजातों में कुछ कमियां रह गई थीं या कागजात पूरे नहीं थे। पहले दिन अभ्यर्थियों की परेशानी को देखते हुए हालांकि, दूसरे दिन जिला प्रशासन ने भी अभ्यर्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए ई-मित्र, फोटो कॉपी, नोटरी प्रमाणीकरण, जाति प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए स्थाई व्यवस्था की, तो अभ्यर्थियों को कुछ राहत महसूस हुई।
हालांकि पहले दिन भर्ती में शामिल होने आए नब्बे फीसदी से भी ज्यादा अभ्यर्थियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। क्योंकि अव्वल तो आवेदन के मुकाबले आधों को ही मैदान में उतरने का मौका मिला। उसमें भी दस फीसदी से भी कम अभ्यर्थी निर्धारित समय में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर सके। बाकी भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर हो गए।