Inspirational Story : कश्मीर की वादियों के पांच डिग्री तक न्यूनतम तापमान और 80 फीसदी से ज्यादा नमी वाले वातावरण को यहां रेगिस्तान में कृत्रिम रूप से एक कमरे में तैयार कर केसर की खेती का नायाब उदाहरण सामने आया है।
बीकानेर•Dec 29, 2023 / 12:50 pm•
Akshita Deora
Real Life Inspiration: कश्मीर की वादियों के पांच डिग्री तक न्यूनतम तापमान और 80 फीसदी से ज्यादा नमी वाले वातावरण को यहां रेगिस्तान में कृत्रिम रूप से एक कमरे में तैयार कर केसर की खेती का नायाब उदाहरण सामने आया है। कश्मीर से केसर के बीज लाकर कमरे में ट्रे में बोए और केसर के फूल खिल गए। एयरोपोनिक्स तकनीक से 10 गुणा 18 फीट के एक कमरे में केसर की खेती करने का यह कमाल किया है बीकानेर के युवक सुनील जाजड़ा ने। उसने तीन साल तक अपने स्तर पर शोध कर छह लाख रुपए का सामान आदि पर स्थाई निवेश कर पहली फसल भी ले ली है। उसने करीब चार लाख रुपए की केसर बेच दी है। सुनील ने बताया कि पहली बार बीज खरीदकर लाने पड़े थे। अब कई गुणा बीज हर साल तैयार होते रहेंगे। एयरोपोनिक्स तकनीक के तैयार किए कक्ष में तापमान और आवश्यक नमी मेंटेन रखने और फूलों को खिलने के लिए जरूरी यूवी (अल्ट्रावॉयलेट) रोशनी पर खर्च होने वाली बिजली ही लगेगी।
देश में केसर का उत्पादन और मांग
05 से 7 हजार टन केसर की सालाना डिमांड है देश में
05 क्विंटल उत्पादन है सर्वश्रेष्ठ कश्मीरी केसर का
90 फीसदी केसर का आयात ईरान से हो रहा
04 से 5 लाख रुपए किलो में बिकती है अच्छी केसर
Hindi News / Bikaner / लॉकडाउन में यूट्यूब से सीखकर रेगिस्तान में खिला दिए केसर के फूल, अब हो रही लाखों में कमाई