जिला प्रशासन, सड़क सुरक्षा एवं परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन की ओर से संयुक्त रूप से सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित करते है। प्रशासन ने पुराने ब्लैक स्पॉट पर हादसों को कम करने के लिए कुछ विशेष प्रयोग भी किए हैं। जिसका कुछ फायदा भी मिला। दूसरी तरफ हर साल नए ब्लैक स्पॉट उभर कर सामने आ रहे हैं।
11 फीसदी बढ़े हादसे वर्ष 2021 में बीकानेर जिले में 448 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इनमें 430 लोग घायल और 288 लोगों की मौत हो गई। पिछले ढाई साल में सड़क हादसों में 741 लोगों की जान गई है। यह दिखाता है कि सालाना सड़क हादसों में मौत के आंकड़े में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2022 में 559 सड़क दुर्घटनाओं में 570 लोग घायल हुए है। इन हादसों में 377 लोगों की मौत हो गई। इस साल मार्च तक 135 सड़क हादसों में 76 लोग जान गंवा चुके हैं। जबकि 125 घायल हुए हैं।
खतरनाक प्वाइंट पर ज्यादा बीकानेर रेंज में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू में तुलनात्मक रूप से बीकानेर में मौतों का आंकड़ा कुछ कम है। ब्लैक स्पॉट दुरुस्त करने का काम तो सभी जगह किया गया है लेकिन, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में हाइवे पर आबादी ज्यादा होने से हादसों में मौत ज्यादा हो रही है। बीकानेर जिले में चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर बीते सालों में 153 हादस हुए। इनमें 204 लोगों की जान जा चुकी हैं।
ये है हादसों के कारण – सड़कों में घुमाव अधिक होना – ट्रैफिक सिग्नलों का अभाव – चौराहों पर बने सर्किलों का गलत निर्माण – सड़क का ऊंचा-नीचा होना – सड़कों में गड्ढे और कटाव होना
– हाइवे पर पशुओं का विचरण – ग्रामीण सड़कों का मिलान गलत हादसा स्थल – संख्या – मौत – सैरुणा – 1 – 14 – गुंसाईसर – 6 – 14
– नौरंगदेसर – 5 – 7 – कीतासर – 9 – 9 – गजनेर – 6 – 7 – गोलरी – 5 – 7 – देशनोक – 4 – 11
– रीको खारा – 7 – 7 – बस स्टैंड जामसर – 8 – 14 – लूणकरनसर – 7 – 11 – नयाशहर कल्ला पेट्रोल पंप – 10 -12 – गुंसाईसर – 8 – 6
– नौरंगदेसर – 9 – 14 – जेएनवी फांटा – 9 – 11 – जामसर बस स्टैंड – 6 – 8 – रीको खारा – 8 – 6 – लूणकरनसर – 10 – 11
– नयाशहर ऊन मंडी रोड – 5 – 5 – गुंसाईसर – 9 – 5 – नौरंगदेसर – 7 – 8 – चालराय जामसर – 5 – 12 – गैस गोदाम लूणकरनसर – 9 – 5
( जिला प्रशासन ने साल 2018 से 2022 तक के सड़क हादसों के विश्लेषण से चिन्हित किए ब्लैक स्पॉट) हादसों में कमी का हर संभव प्रयास सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस भरकस प्रयास कर रही है। जिले में चयनित ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है। सड़क किनारे कुछ स्थानों पर चबूतरे बनाकर या पोल लगाकर एक्सीडेंट वाहन को रखा गया है। ताकि वाहन चालक सावचेत होकर वाहन चलाएं। पिछले साल 559 सड़क हादसों में 377 लोगों की जान गई थी। अब यह आंकड़ा कम करने की कोशिश करेंगे।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक सड़क दुरुस्तीकरण व संकेतक लगाए ब्लैक स्पॉट के संबंध में पुलिस प्रशासन से हर साल सूची मिलती है। इसके बाद सेफ्टी ऑडिट करवाई जाती है। सड़क परिवहन मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करवाया जाता है। सड़क की तकनीकी खामियों को दूर करने पर भी काम करते है। रबड़ पेंट, संकेतक लगाने जैसे उपाय किए जा रहे है। राजमार्ग से लिंक सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाएंगे। साथ-साथ जागरुकता के लिए काम करते है।
रोहिताश कुमार, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी, चूरू (एनएच)