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देश को पोलियो मुक्त बनाने वालों को कांग्रेस सरकार में मिला था काम, अब छिन गया रोजगार

बेरोजगार महिलाएं अपने बुरे दिन पर बहा रही हैं आंसू

बिजनोरNov 27, 2018 / 08:33 pm

Iftekhar

बिजनौर. देश पोलियो मुक्त हो चुका है, लेकिन जिन वर्करों की बदौलत हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं आज उन्हीं की सेवाएं समाप्त की जा रही है । जमीनी स्तर से जुड़े वर्करों को हटाकर बड़े अधिकारी और सरकार ने भी चुप्पी साध रखी है। सोशल मोबिलाइजेशन नेटवर्क के अंतर्गत काम करने वाली महिला सीएमसी, जिनकी उत्तर प्रदेश में तादाद लगभग 5000 हैं । जिस काम को इन लोगों ने जी जान से किया उसी का लक्ष्य पूरा होने की वजह से उनकी नौकरी चली गई है। यानी देश पोलियो फ्री होने के साथ ही जमीनी स्तर से जुड़े इन वर्करों की सेवा अवधि संस्था ने समाप्त कर दी है, जबकि इस संस्था में बड़े अधिकारी आज भी काम कर रहे हैं । इन महिला वर्करों को कभी इमारत की नींव कहा जाता था।

फिलहाल, ये बेरोजगार महिलाएं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इस मुहिम से जुड़ी महिलाओं के हटने के बाद से इनके परिवार के सामने खाने तक के लाले पड़ गए हैं। महज 2000 के मानदेय पर काम करने वाली इन महिलाओं को लेकर सबसे पहले कांग्रेस ने पहल की थी। सीएमसी वर्कर पहले जागरुकता फैलाने के मकसद से समुदाय स्तर पर महिलाओं के बीच बैठकर लोगों को जागरुक करने का काम कर रही थी। स्कूलों में जाकर पोलियो क्लास और रैली निकालने का काम करती थी, जिनकी बदौलत समय पर परिवारों में स्वास्थ्य संबंधित जानकारी पहुंचती थी। आज वही वर्कर बेरोजगार होकर बदहाली के आंसू बहा रही हैं । इनमें कुछ वर्कर तो ऐसे हैं, जिनके सिर पर छत भी नहीं है। कमाने वाला पहले ही चल बसा है । कच्चे मकानों के सहारे सर्दी बिताने की तैयारी कर रही हैं । घर का चूल्हा जलाने के लिए ये महिला वर्कर बच्चों को महज 100 रुपए महीना में शिक्षा देकर दो जून की रोटी चला रही है। वहीं, कुछ वर्कर सिलाई के बूते अपने परिवार को बचाने में जुटे हुए हैं, जिन वर्करों ने अपने जीवन के 15 साल लगाकर स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयां प्रदान करने में गर्मी, धूप और बरसात को नजरअंदाजकर जी तोड़ मेहनत की। वे आज बेरोजगार हो चुकी हैं।

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