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बिजनोर

कैराना-नूरपुर उपचुनाव से पहले बढ़ी शिक्षकों की धड़कनें, ये है वजह

इस वजह से शिक्षकों को आ रहा पसीना

बिजनोरMay 14, 2018 / 07:59 pm

Rahul Chauhan

बिजनौर। नूरपुर विधान सभा उपचुनाव को लेकर छुट्टी पर जाने वाले शिक्षकों को चुनाव में छुट्टी नहीं मिलनी है। इस उपचुनाव में बिजनौर जनपद में लगभग 700 से 800 शिक्षकों की ड्यूटी 28 मई को मतदान और 31 मई की मतगणना में लगी है। चुनाव को सम्पन्न कराने के लिये चुनाव आयोग के आदेश पर इन शिक्षकों की ड्यूटी जिला प्रशासन बिजनौर द्वारा लगाई जा रही है।
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दरअसल भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की सड़क हादसे में निधन के बाद इस सीट पर चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव कराने की घोषणा अभी हाल फिलहाल में की है। चुनाव आयोग द्वारा की गई थी।इस घोषणा के बाद जिला प्रशासन अधिकारी चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिये सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगा रहे हैं।
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मतदान के लिए नूरपुर विधानसभा में 351 पोलिंग बूथ बनाये गए हैं। इन सभी बूथों में एक पर 4 शिक्षकों की ड्यूटी लगनी है। इस ड्यूटी को लेकर बिजनौर शिक्षक संघ के जिला महामंत्री दुष्यंत ने बताया कि शासन के द्वारा शिक्षकों को न तो मेडिकल लीव मिलती है, न ही घूमने के लिये सरकार द्वारा टीए-डीए मिलता है। गर्मियों की छुट्टी में शिक्षक साल भर में कही न कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं, उसमें भी चुनावों में ड्यूटी लगने के कारण उनकी छुट्टी जिला प्रशासन द्वारा काट दी जाती है।
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शिक्षकों को चुनाव के आलावा अन्य मामलों जनगणना आदि में ड्यूटी लगाकर शिक्षा के क्षेत्र को पहले से भी प्रभावित किया जाता रहा है। इस विधानसभा उपचुनाव में 700 से 800 शिक्षकों की ड्यूटी जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई है और इनकी ट्रेनिंग कराई जा रही है। किसी शिक्षक के घर में शादी है, कोई अपने बेटे या बेटी के पास छुट्टी में रहने जा रहा था, लेकिन ड्यूटी लगने से इन सभी शिक्षकों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है। ऐसे में लगातार शासन द्वारा शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इस ड्यूटी को लेकर हमने जिला प्रशासन से बातचीत भी की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला है।

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