बिजनौर. जिला अस्पताल में जांच कराने के लिये भारी संख्या मजदूरों की भीड़ लगने से डॉक्टरों की परेशानी बढ़ गई है। तेज़ धूप में बिना किसी सुविधा के ये सभी मजदूर सैकड़ों की संख्या में लाइन में लगकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए कड़े हैं। ये सभी मजदूर जनपद बिजनौर के अलग-अलग कस्बे के रहने वाले हैं, जो बाहर के शहरों में काम करने गए थे, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण अब ये सभी मजदूर अपने गृ जिले लौट चुके हैं। इन सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद इन्हें 14 दिन के क्वारंटीन के बाद इन्हें घर भेजा जाएगा।
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पूरे देश में चौथे चरण के लॉकडाउन की समय सीमा को अब बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया। इसके बाद से फिर एक बार और लोगों को 14 दिन तक लॉकडाउन का पालन करना होगा। ऐसे में प्रदेश सरकार सहित सभी राज्यों की सरकार प्रवासी मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए सभी तरह से प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बिजनौर जनपद में रोजाना सैकड़ों मजदूरों के पहुंचाने का सिलसिला जारी है। ऐसे में जिला अस्पताल बिजनौर में तकरीबन 200 से 250 मजदूरों का रोजाना स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
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सरकारी डॉक्टर यासिर हुसैन ने बताया कि यहां पहुंचने वाले सभी मजदूरों का पहले तो थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। बाद में उनके कांटेक्ट हिस्ट्री के बारे में पता किया जा रहा है। किसी भी तरह का लक्षण पाए जाने पर उनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जिस भी मजदूर को स्वास्थ्य संबंधित कोई भी शिकायत नहीं है। उसको थर्मल स्कैनिंग के बाद 14 दिन का क्वारंटीन करके उन्हें घर भेज दिया जाएगा, लेकिन हिदायत के तौर पर मजदूरों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन कराना जरूरी है। क्योंकि किस मजदूर की क्या हिस्ट्री रही है वो किसी कोरोना संक्रिमत मरीज के संपर्क में आया है कि नहीं आया? यह कुछ दिन बाद भी लक्षण सामने आने पर ही पता चलता है। इसलिए मजदूरों को 14 दिन क्वारंटीन भी कराया जा रहा है।