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क्या है मामला-पूरा मामला कोतवाली देहात कोतवाली देहात के गांव का है,जहां गारवपुर में बूढ़े बाबा के देवस्थान पर लाउडस्पीकर उतारने से पनपा विवाद कम नहीं हो रहा है। दरअसल ये विवाद तब शुरु हुआ जब रामनवमी को हिंदू समुदाय के लोगों ने मंदिर पर लाउडस्पीकर लगा दिया। लेकिन हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि गांव में 90 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जबकि 10 प्रतिशत ही हिंदू आबादी है। जिसकी वजह से दूसरे संप्रदाय के विरोध की वजह से जिला प्रशासन ने लाउडस्पीकर उतरवा दी। गांववालों की माने तो मुस्लिम बाहुलय इस गांव में हिन्दुओं की संख्या बहुत कम है। ग्रामीणों का तो यहां तक भी कहना है कि दूसरे समुदाय के लोग मंदिर में पूजा करने से भी रोकते हैं। जिससे तंग आकर अब गांव के हिन्दू समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर लिख दिया है कि मकान बिकाऊ है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वे सामूहिक पलायन कर जाएंगे। गांव के लोगों का ये भी कहना है कि स्थानीय पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है।
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गांव में तनाव का माहौल- गांव के हिंदुओं की इस चेतवनी के बाद पूरे गांव से लेकर जिला प्रशासन तक में हलचल मची हुई है। तनाव के देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है। इसके साथ ही इलाके के एसडीएम गजेंद्र सिंह और सीओ नगीना महेश कुमार ने विवाद को खत्म करने के लिए दोनों संप्रदाय की बैठक बुलाई थी। साथ ही एक समिति का गठन कर तीन मई तक समस्या का समाधन कर लेने का आश्वासन दिया। लेकिन तीन मई के बाद भी अभी तक विवाद कम नहीं हुआ है और दोनों पक्षों में कोई सहमती नहीं बनी।
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चेतावनी के बाद जागा प्रशासन-वहीं अब समस्या का समाधान होता नहीं देख अधिकारियों ने हिंदू समुदाय से कह दिया है कि धर्मस्थल पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति के लिए उन्हें कमिश्नर मुरादाबाद के यहां आवेदन करना हो सीओं का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और अगर कुछ ऐसा है तो उसकी जांच की की जाएगी।