यह भी पढ़ें
Video: जमानत पर बाहर आया भाजपा विधायक का पति तो ऐसा दिखा माहौल
क्या है मामला सन् 2007 में 13 जनवरी को कोर्ट के आदेश पर उसके खिलाफ एक गांव की महिला ने गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि राशन की दुकान अलाॅट कराने के नाम पर उससे बलात्कार किया गया। इसमें मनोज पारस सहित चार लोग आरोपी बनाए गए थे। उस समय इस मामले में मनोज पारस हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले आया था। नगीना कोर्ट ने 6 जनवरी 2012 को उसके वारंट और 16 जनवरी को ही धारा 82 की कार्यवाही करते हुए कुर्की का नोटिस जारी कर दिया था। इसके खिलाफ मनोज पारस ने कहा कि उसके पास हाईकोर्ट का स्टे है। इस लिए उसकी गिरफ्तारी और कुर्की नहीं हो सकती है। यह भी पढ़ें
बुलंदशहर: हाईवे पर ऑटो रोक कर बदमाशों ने वकील पर बरसाई्ं गोलियां, मौत
हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका इस मामले में 8 जनवरी 2013 से कोर्ट में तारीख लगती रही है। इस मामले को लेकर सपा विधायक मनोज पारस ने एक बार फिर से हाइकोर्ट में एक रिट डाली थी। इसमें विधायक ने नगीना कोर्ट में चल रहे गैंगरेप के विचाराधीन मामले को निरस्त करने के लिए हाइकोर्ट में अपील की थी। लेकिन हाइकोर्ट ने इसको खारिज करते हुए रिट को कैंसिल कर दिया। यह भी पढ़ें
Video: पुलिस ने आठ शातिर चोरों को किया गिरफ्तार
राजनीतिक सफर आपको बता दें कि सपा सरकार में पूर्व कर एवं स्टांप राज्य मंत्री मनोज पारस बिजनौर की नगीना विधानसभा से विधायक है। उसकी राजनीतिक शुरुआत 1993 में जनता दल से हुई थी। विधायक रहे चाचा सतीश कुमार के साथ रहते हुए वह राजनीति में आया। 2000 में वह बसपा से चुनाव लड़ा और सपा प्रत्ताशी ओमवती से हार गया। इसके बाद सन् 2007 में ओमवती तो बसपा में शामिल हो गईं जबकि मनोज पारस सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस बार भी वह ओमवती से चुनाव हार गया। 2012 में वह दोबारा सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गया। इसके बाद उन्हें प्रदेश का स्टांप राज्यमंत्री बना दिया गया। UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App