गांव भागु वाला के रहने वाले ग्रामीण मनोहर लाल ने बताया कि छोटे से गांव भागूवाला के रहने वाले दिव्यांग गुरुदेव को बचपन से ही खुले आसमान के नीचे गांव के मैदानों में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने का जनून लग गया । इसके बाद वह गांव की ही लोकल क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर की भूमिका अदा करने लगा । देखते ही देखते उसके खेल की चर्चा होने लगी । जिसके हुनर को उत्तर प्रदेश दिव्यांग स्पोर्ट एसोसिएशन मेरठ की टीम ने परखकर आगे बढ़ाया। दिव्यांग गुरुदेव का अब भारतीय टीम में चयन हो गया है। उसके चयन के बाद उसके गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। गुरुदेव ने देश के साथ अपने गांव को भी एक पहचान दी है। उधर ढाबे पर चाय और खान बेचकर गुरुदेव की मां ने पाला पोसा है। अब उसके चयन को लेकर गुरुदेव की मां का कहना है कि आज जो भी है वो अपनी मेहनत के कारण है। मुझे अपने बेटे पर फर्क है।
दिव्यांग गुरुदेव ने बताया कि उसे बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। वह पहले अपने गांव की टीम के साथ खेलता था। इसके बाद उसका चयन बिजनौर दिव्यांग टीम हो गया। बाद में उसके खेल को देखते हुए उसका चयन उतर प्रदेश दिव्यांग टीम में हुआ। वो खेलने के लिए हैदराबाद गया था। जहाँ उसके खेल से प्रभावित होकर उसका चयन इंडिया दिव्यांग नेशनल टीम में हो गया। उसने हैदराबाद में क्रिकेट के दौरान 14 विकेट ले डाले । साथ ही एक क्रिकेट मैच के दौरान दो ओवर में ही 4 खिलाड़ियों को आउट कर सभी को हैरान कर डाला था। गुरुदेव का कहना है कि अब जल्द ही वो देश के लिये इंटर नेशनल खिलाड़ियों के साथ खेलेगा और जीत हासिल कर अपने देश का नाम रोशन करेगा।