रोजगार पैदा करने में मदद करेगा टाइगर रिजर्व – डीएम बिजनौर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, अगले महीने पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी के मद्देनजर योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि, पर्यटक स्थल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करने में मदद करेगा।
यह भी पढ़े – कानपुर में घुसा तेंदुआ दहशत का माहौल, वन विभाग अलर्ट यूपी में तीन टाइगर रिजर्व है जानें यूपी में तीन टाइगर रिजर्व हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाद अमानगढ़ टाइगर रिजर्व को विकसित किया गया। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व घोषित करने के पीछे का मुख्य कारण क्षेत्र में बाघों की आबादी है। दिसंबर 2020 में बाघों की संख्या रिजर्व में 27 से अधिक थी, जबकि 2012 में रिजर्व में बाघों की संख्या 13 थी। अमानगढ़ में लगभग 100 हाथी और तेंदुओं की अच्छी-खासी आबादी है। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व करीब 80 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसका मकसद ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देना है। इसमें तीन प्रवेश द्वार एक गेट केहरीपुर, दूसरा मकोनिया और तीसरा पीली बांध की तरफ है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड गठन के बाद कार्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा अमानगढ़ वन रेंज बिजनौर जिले का हिस्सा बन गया था। वर्ष 2012 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया था। हमारे देश भारत में वर्ष 2022 तक कुल 53 टाइगर रिजर्व हैं।