बिजनौर. जनपद बिजनौर के मंडावर क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में गुलदार ने हमलकर अब तक 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। वहीं, गुलदार के हमले से 2 लोग घायल भी हो चुके हैं। गुलदार के आतंक को देखते हुए वन विभाग की टीम ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज में मौजूद बाघ की निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारियों ने वन विभाग के साथ मिलकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर जंगलों में 90 ट्रैप कैमरे लगाने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अधिकारियों ने वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ मिलकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें गुलदार को पकड़े जाने के लिए योजना बनाई गई है।
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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देश पर अमानगढ़ टाइगर रिजर्व एरिया में चौथे चरण की बाघ गणना के लिहाज से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने बिजनौर में अमानगढ़ गेस्ट हाउस पर एक दिन की मीटिंग आयोजित की। इसमें वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। चौथे चरण में बाघ गणना का नाम डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टाइगर रिजर्व वन रेंज की टीम संयुक्त रूप से कर रही है। वर्ष 2020 में 9580 हेक्टेयर मैं फैली अमानगढ़ रेंज को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
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पूरी रेंज को 42 भागों में बांटा गया है। इसी के तहत 90 नए ट्रैक कैमरे लगाने की कवायद शुरू की गई है। उधर डीएफओ एम सिमरन ने बताया कि बिजनौर के अलग-अलग क्षेत्र में गुलदार द्वारा किए गए हमले को लेकर भी डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ मिलकर गुलदार को पकड़ने के लिए योजना बनाई है। जंगल क्षेत्र में व किसानों के खेत में घूम रहे गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा कैमरे लगाए गए हैं।साथ ही गुलदार के पंजों के निशान के लिए जगह को खाली कराकर उसमें रेत बिछाई गई है ।जिससे कि गुलदार के पंजों के निशान लिए जा सकें।