यह भी पढ़ें- शिक्षामित्रों का सपना टूटा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी में बाकी 37,339 भर्तियां अति शीघ्र मुरादाबाद आजाद नगर कॉलोनी मंझोला निवासी एवं जोगीरामपुरी दरगाह के पूर्व प्रशासक सैय्यद कैसर अली बाकरी ने बताया कि पद पर रहते हुए शिया वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने उन्हें अगस्त 2018 में दरगाह का प्रशासक नियुक्त किया था। इसके बाद अपने संबंधी व बोर्ड सदस्य अशफाक हुसैन जिया के साथ मिलकर उन्हें पद से हटाने की धमकी दी थी। साथ ही सय्यद केसर ने बताया कि विभिन्न खातों के माध्यम से लाखों रुपए की नगदी वसीम रिज़वी को दी थी। इसके बावजूद उन पर 7 जून से 10 जून 2019 तक आयोजित होने वाले सालाना मजलिस के दौरान 2 लाख रुपये मांगने का दबाव बनाया गया और उन पर हमला भी 13 जून 2019 को कराया गया। उसी दौरान उन्हे प्रशासक पद से भी जबरन हटा दिया गया।
नगीना देहात पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर संबंधित धाराओं में वसीम रिज़वी बोर्ड के और सदस्य अशफाक हुसैन और एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। इस मामले को लेकर एसपी बिजनौर डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि नगीना कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने वसीम रिज़वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस प्रकरण के बारे में कुछ पता चल पाएगा।