2009 में बनी थी सुरक्षित सीट नगीना की बात करें तो वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद यह सुरक्षित सीट बनी थी। इस सीट पर एक बार सपा और भाजपा का कब्जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी की घोषणा अभी तक नहीं की है। कयास लगाये जा रहे हैं कि भाजपा से इस सीट पर मौजूदा सांसद यशवंत सिंह का टिकट कट सकता है। उनकी जगह अभी हाल में ही शामिल हुए यशवीर सिंह धोबी को मौका मिल सकता है। गुरुवार को भाजपा ने 182 लोकसभा सीट के प्रत्याशियों की घोषणा की है, लेकिन नगीना लोकसभा सीट के प्रत्याशी का नाम नहीं आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर अभी मंथन कर रही है। जल्द ही प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।
पहली बार जीते थे सपा सांसद नगीना लोकसभा सीट सुरक्षित सीट है। पहली बार इस सीट पर सपा से यशवीर सिंह धोबी जीते थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में इस सीट पर सपा के प्रत्याशी की हार हुई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई थी। यहां से सांसद यशवंत सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर मुस्लिम और दलित जाति का गठजोड़ चलता है। कांग्रेस ने यहां से भाजपा छोड़कर आई ओमवती जाटव को मैदान में उतारा है। जबकि गठबंधन ने भी इस सीट पर बसपा के गिरीश चंद्र को मौका दिया है। 2014 में गिरीश चंद्र बसपा के चुनाव चिन्ह पर लड़े थे।
यशवंत सिंह भी काट रहे चक्कर नगीना से सपा के टिकट पर सांसद रह चुके यशवीर सिंह ने कुछ समय पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। वह यहां से भाजपा के प्रबल दावेदार भी हैं। उधर इस सीट पर मौजूदा सांसद यशवंत सिंह भी टिकट को लेकर हाईकमान के चक्कर काट रहे हैं। नगीना में दूसरे चरण 18 अप्रैल को मतदान होगा। इसके लिए 19 मार्च से नामांकन शुरू हो चुके हैं, जो 26 मार्च तक चलेंगे।