पहले बिजनौर हत्याकांड को जान लीजिए
बिजनौर जिले के नूरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव गोहावर में गुरुवार रात एक 13 साल की लड़की ने अपनी ही दो बहनों की गला घोटकर निर्मम हत्या कर दी। इस डबल मर्डर की सूचना से पुलिस प्रशासन में सनसनी फैल गई। आनन-फानन में मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ आला अधिकारी भी पहुंचे। बिजनौर के एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि घटना गुरुवार रात करीब 12 बजे की है। यह भी पढ़ेंः 48 घंटे में कार्रवाई नहीं तो सड़क पर उतरेगा कुशवाहा समाज, आगरा में प्रशासन को मिला अल्टीमेटम पुलिस को सूचना मिली कि नूरपुर थानाक्षेत्र के गांव गोहावर में दो बच्चों की हत्या कर दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से पूछताछ शुरू की। इस दौरान घर में मौजूद मृतकाओं की बड़ी बहन ने बताया कि घर में दो युवक घुसे थे। उन्होंने ही उसकी दोनों बहनों की हत्या कर दी है।
बिजनौर पुलिस ने हत्याकांड का किया सनसनीखेज खुलासा
उन्होंने बताया कि 13 साल की बड़ी बहन बार-बार बयान बदल रही थी। इसपर पुलिस को शक हो गया। पुलिस ने जब आरोपी बड़ी बहन से कड़ी पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया “हमारा बड़ा परिवार है। पिता परेशान रहते थे। घर का सारा काम मुझे ही करना पड़ता था। इस कारण मैंने दोनों छोटी बहनों को मार दिया।” लड़की ने पुलिस को बताया कि उसकी मां ने दो शादी की हैं। आरोपी लड़की पहले पति से और मरने वाली दोनों मासूम दूसरे पति से थीं। दूसरा पति ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है। इसके अलावा उसकी मां बीमार रहती है। यह भी पढ़ेंः किसानों के लिए खुशखबरी, मॉनसून की रफ्तार बढ़ी, यूपी में झमाझम बारिश के साथ इस दिन होगी एंट्री
अब जानते हैं अमरोहा का बावनखेड़ी मामला
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में प्यार पाने के लिए एक लड़की ने सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम दिया था। साल 2008 में एक ही परिवार में सात लोगों की हत्या से अमरोहा ही नहीं, बल्कि पूरा देश दहल उठा था। अमरोहा के बावनखेड़ी निवासी शौकत अली एक कॉलेज में लेक्चरर थे। उनके दो बेटे भी अच्छी नौकरी में थे। इसके साथ शौकत अली की बड़ी बेटी शबनम शिक्षामित्र थी। 14 अप्रैल 2008 की रात शौकत के पड़ोसी ने पुलिस को सूचना दी कि बावनखेड़ी में बड़ा हत्याकांड हुआ है। पुलिस गांव पहुंची तो मौके पर 7 लोगों के शव पड़े मिले। इसमें से 10 महीने के बच्चे को छोड़कर सबके गले रेते गए थे। जबकि परिवार में सिर्फ शौकत की बेटी जिंदा बची थी। इसकी सूचना से तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी बावनखेड़ी पहुंची थीं।सलीम का प्यार पाने के लिए अपने परिवार के हैवान बन गई शबनम
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मौका-ए वारदात से पुलिस को शौकत की बेटी पर शक था। इसी बीच पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली कि शबनम की दोस्ती सलीम नाम के युवक से थी। सलीम मजदूरी करता था। पूछताछ में सलीम ने पहले पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन कड़ाई करने पर टूट गया और उसने हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा कर दिया। सलीम ने पुलिस को बताया कि शबनम के घरवाले उसे पसंद नहीं करते थे। यह भी पढ़ेंः खुशखबरी! 19, 20, 25 और 26 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित, जानें वजह जबकि सलीम और शबनम एक-दूसरे से प्यार करते थे। इसीलिए उसने और शबनम ने मिलकर पूरे परिवार को मार डाला। बाद में पुलिस ने सलीम की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली। पुलिस ने शबनम और सलीम को गिरफ्तार किया और उनके कबूलनामे के बाद उनके खून से सने कपड़े भी बरामद किए। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की। साल 2010 में अमरोहा की स्थानीय कोर्ट ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई।