युवक ने बताया कि करीब एक साल पहले उसकी विधवा महिला से इस्मालपुरदार तहसील के पास मुलाकात हुई थी। इस दौरान उसने महिला को अपना नाम संजीव शर्मा बताया था। दोनों में मोबाइल पर बातें होने लगी और प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। इसके बाद महिला अपने बेटे को लेकर युवक के साथ हरिद्वार में रहने लगी जबकि उसकी बेटी अपनी दादी के पास रहती थी। बाद में वह अपनी बेटी को भी ले आई। युवक के साथ मोहल्ला खत्रियान में तरंग पाठक के मकान पर किराए पर रहने लगी।
मकान मालिक तरंग पाठक ने बताया कि जब युवक किराए पर रहने आया तो उसने संजीव शर्मा नाम से पहचान पत्र दिया था। इसलिए शक नहीं हुआ। वह आते-जाते नमस्कार और राम-राम बोलता था नवरात्रि में उसने व्रत भी रखा था और शाम में पूजा भी की थी। मंगलवार को बेटी ने आकर बताया कि युवक अपनी उसकी मां से झगड़ा कर रहा है। जब जाकर कड़ाई से पूछताछ की तो युवक ने अपनी असली पहचान बताई।
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