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गोकशी की अफवाह पर पीट-पीटकर हत्या के मामले में सपा ने योगी सरकार को दी ये चेतावनीकेदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पूरी करने वाले ये चार लोग हाजी अब्दुल मलिक, रामनिवास पाल, प्रमोद मैसी और सरदार दिलबाग सिंह हैं। इनके द्वारा अभी दो धाम की यात्रा करनी शेष है। अब वे यमुनोत्री व गंगोत्री की यात्रा की योजना बना रहे हैं। इनका कहना है कि एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करते हुए सभी लोग दूसरे धर्मों को सम्मान से देखें तो कहीं कोई फसाद और मनमुटाव हो ही नहीं सकता। उन्होंने इसका मिसाल खुद को बताया।
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दिलबाग सिंह बड़िया में खेती करते हैं। काजी अब्दुल मलिक नजीबाबाद के आदर्शनगर में रहते हैं। इनका निर्माण का काम है। प्रमोद कुमार मैसी नजीबाबाद के सुभाषनगर में रहते हैं। वे अब दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं और परिवार के साथ वहीं रहते हैं। रामनिवास भी आदर्शनगर के निवासी हैं, लेकिन अब इनका दिल्ली में रेस्टोरेंट है। इन्होंने बताया कि इनका उद्देश्य भाईचारा कायम रखना है। वे देश और समाज के लोगों को भी संदेश देना चाहते हैं कि सभी एक साथ मिलकर रहें।
यह भी देखें-गांव के तीन दबंगो ने नाबालिग लड़की के साथ किया गैंग रेप 30 साल से अटूट है चारों की दोस्ती
चारों मित्रों के बीच 30 सालों से अटूट मित्रता है। चारों लोगों के परिवार ईद, दिवाली, क्रिसमस, बैसाखी व लोहड़ी साथ मिलकर मनाते हैं। बचपन से चारों साथ पढ़े और 30 साल बाद आज भी उनकी दोस्ती बरकरार है। इनकी दोस्ती आज पारिवारिक घनिष्ठता में बदल चुकी है। चारों के परिवार त्योहारों पर एक जगह मिलते हैं और सभी त्योहार साथ ही मनाते आ रहे हैं। परिवार में भी अगाध प्रेम व चारों दोस्तों में पक्की मित्रता तो है ही अब उनके परिवार के सदस्यों में भी खूब अपनापन है। घर की महिलाएं हों या फिर उनके बच्चे सभी एक दूसरे से घनिष्ठता रखते हैं। जब भी वे साथ होते हैं लगता ही नहीं कि ये चार अलग-अलग परिवार हैं।
चारों मित्रों के बीच 30 सालों से अटूट मित्रता है। चारों लोगों के परिवार ईद, दिवाली, क्रिसमस, बैसाखी व लोहड़ी साथ मिलकर मनाते हैं। बचपन से चारों साथ पढ़े और 30 साल बाद आज भी उनकी दोस्ती बरकरार है। इनकी दोस्ती आज पारिवारिक घनिष्ठता में बदल चुकी है। चारों के परिवार त्योहारों पर एक जगह मिलते हैं और सभी त्योहार साथ ही मनाते आ रहे हैं। परिवार में भी अगाध प्रेम व चारों दोस्तों में पक्की मित्रता तो है ही अब उनके परिवार के सदस्यों में भी खूब अपनापन है। घर की महिलाएं हों या फिर उनके बच्चे सभी एक दूसरे से घनिष्ठता रखते हैं। जब भी वे साथ होते हैं लगता ही नहीं कि ये चार अलग-अलग परिवार हैं।