चूंकि पीड़िता अशिक्षित होने से बैंक सबंधी कार्य करने अक्षम थी। इसलिए उसने एकाउंट खोलने, खाता संचालन करने के लिए अपने रिश्तेदार मनोज गोटे व उसकी पत्नी मनीषा गोटे की मदद लिया करती थी। पीड़िता की अशिक्षित होने का फायदा उठाकर मनोज व मनीषा ने उसके अंगूठा का फर्जी नमूना तैयार कर लिया। मनोज चूंकि चाइस सेंटर संचालित किया करता था। इसलिए बैंकिंग का काम वह अपने चाइस सेंटर से किया करता था।
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उसने इस बड़ी रकम को पाने के लिए 2021 से जून 2024 के बीच में पीड़िता के खाते में जमा सम्पूर्ण राशि से निकाल कर उसका खाता खाली कर दिया । इसकी जानकारी होने पर पीड़िता अड़मे सोढ़ी के होश उड़ गए। उसने इसकी शिकायत थाना बीजापुर में दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ0 जितेन्द्र कुमार यादव, अति0 पुलिस अधीक्षक चन्द्रकांत गवर्ना, उप पुलिस अधीक्षक दिनेश सिन्हा, उप पुलिस अधीक्षक तुलसी राम लेकाम टीआई दुर्गेश कुमार शर्मा ने टीम गठित की। टीम ने पति-पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपराध करना स्वीकार किया। मनोज गोटे ने बताया कि पीड़िता के विश्वास और अशिक्षा का फायदा उठाकर बैंक ले जाकर पैसा को अपने खाते में ट्रान्सफर करवा लिए। अड़मे को बताया कि वे उसके पैसे को फिक्स डिपॉजिट करवा रहे हैं। पुलिस ने पाया कि आरोपी पति-पत्नी के अलग-अलग बैकों के 10 खाता हैं। पुलिस ने आरोपी का लैपटॉप, बायो मैट्रिक मशीन एवं नगद रकम जब्त किया है। दोनों को न्यायिक रिमांड पर लिया गया है।