पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जे वाले यार्ड पर बुलडोजर कार्रवाई की है। प्रशासन की टीम शनिवार को मर्डर केस के आरोपी सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के साइट पर पहुंची थी।
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Mukesh Chandrakar Murder Case: जानें पूरा मामला
पत्रकार मुकेश चंद्राकर पर धारदार हथियार से कई वार किए गए। पहले मुकेश को हथियार से मारा गया फिर सेप्टिक टैंक में डालकर टैंक के ऊपर ढलाई कर दी गई। बीजापुर के पत्रकारों का कहना है कि सुनियोजित तरीके से मुकेश की हत्या की गई है। हत्यारों ने निर्मम हत्या कर शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया। वहीँ पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्त में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बता दें कि पुलिस ने मुख्य आरोपी ठेकेदार का भाई सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से दबोचा है। आरोपी सुरेश विदेश भागने की तैयारी में था।
अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी: CM
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश हमने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।जानिए क्या है पूरा मामला ?
कांग्रेस नेता सुरेश मूलरूप से बासागुड़ा का रहने वाला है। मगर सलवा जुड़ूम आंदोलन के बाद उसका परिवार बीजापुर में रहने लगा। यहां सुरेश ने ठेकेदारी का काम शुरू किया। देखते ही देखते वह बड़ा ठेकेदार बन गया। 2021 में हेलीकॉप्टर से बरात ले जाने पर वह चर्चा में आया था। यह बात भी सामने आ रही है कि मुकेश और सुरेश आपस में रिश्तेदार थे। कांग्रेस नेता एवं ठेकेदार सुरेश ने कुछ दिन पहले ही गंगालूर रोड का निर्माण कराया था। मगर इसमें हुए भ्रष्टाचार को मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। मुकेश की रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की। कहा जा रहा है कि सुरेश इसी वजह से पत्रकार मुकेश से खफा था।