बीजापुर

CG News: 20 वर्षों बाद नक्सल प्रभावित इलाकों में गूंजी शिक्षा की घंटी, बच्चों की उपलब्धियों में होगी वृद्धि

CG News:’निपुण बीजापुर’ कार्यक्रम ने बच्चों की सीखने की उपलब्धियों में सुधार किया है। इसके साथ ही, स्कूलों में औसत उपस्थिति का प्रतिशत भी बढ़ा है।

बीजापुरDec 26, 2024 / 11:48 am

Laxmi Vishwakarma

CG News: बीजापुर जिला प्रशासन की अभिनव पहल ‘स्कूल चले अभियान’ ने बीजापुर में शिक्षा के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। सरकार के गठन के एक वर्ष के भीतर जिले के 28 बंद पड़े स्कूलों को पुन: संचालित किया गया, जिससे 962 बच्चों को शिक्षा के अधिकार से जोड़ते हुए मुख्यधारा में लाया गया है। कलेक्टर संबित मिश्रा और सीईओ जिला पंचायत हेमंत नंदनवार के प्रयासों से इन इलाकों में विकास की किरण पहुंची है।

CG News: इन स्कूलों में नए भवन निर्माण की प्रक्रिया जारी

इन पुन: संचालित स्कूलों में 12 स्कूल अतिसंवेदनशील माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में हैं, जहां पिछले 20 वर्षों से कोई शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो रही थी। जैसे ही इन क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन शुरू हुआ, स्थानीय बेरोजगार युवाओं को शिक्षादूत के रूप में नियुक्त किया गया और बच्चों को बुनियादी सुविधाओं के साथ शैक्षणिक सामग्री प्रदान की गई।
कावड़गांव, मुदवेन्डी, डुमरीपालनार, हिरोली, हिरामगुंडा, कुरूष और ईसुलनार जैसे गांवों में अब बारूद और गोलियों की दहशत की जगह बच्चों की हंसी और क, ख, ग की आवाज सुनाई देने लगी है। पुन: संचालित इन स्कूलों में नये भवन निर्माण की प्रक्रिया जारी है, जो अगले शिक्षा सत्र से बच्चों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
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बच्चों की उपलब्धियों में वृद्धि

‘निपुण बीजापुर’ कार्यक्रम ने बच्चों की सीखने की उपलब्धियों में सुधार किया है। इसके साथ ही, स्कूलों में औसत उपस्थिति का प्रतिशत भी बढ़ा है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और उनकी हंसी-खुशी से यह साफ झलकता है कि बीजापुर अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। शिक्षा की यह पहल न केवल बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बना रही है, बल्कि यह क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी सशक्त कर रही है।

बच्चों में कक्षाओं के प्रति बढ़ रही रुचि

CG News: शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने ’निपुण बीजापुर’ कार्यक्रम की शुरुआत की, जो बच्चों में सीखने की बुनियादी दक्षता को मजबूत कर रहा है। जिले की 777 प्राथमिक और 201 माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित कर गीत, कविताओं, खेल-खेल की गतिविधियों के माध्यम से एफएलएन के लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों ने पाठ आधारित गतिविधियों को रोचक और बाल केंद्रित बनाया है, जिससे बच्चों में कक्षाओं के प्रति रुचि बढ़ रही है।

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