CG News: 550 गांवों में घर-घर जाकर किया सर्वे
परिणामस्वरूप, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 20 वर्षों से बंद पड़े 28 स्कूलों को फिर से खोलने में सफलता प्राप्त की। इस अभियान के अंतर्गत, जिले के 550 गांवों में घर-घर जाकर सर्वे किया गया और 6 से 18 वर्ष के लगभग 7,000 बच्चों की पहचान की गई। इनमें से 4,000 बच्चों को शाला त्यागी और अप्रवेशी के रूप में पहचाना गया, जिनका पुन: प्रवेश सुनिश्चित किया गया। यह भी पढ़ें
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शिक्षा के महत्व को लेकर थी जागरूकता की कमी
विशेष रूप से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार के लिए किए गए प्रयासों ने सफलता पाई, और अब इन क्षेत्रों के बच्चों को 20 साल बाद शिक्षा का अधिकार मिल रहा है। ग्रामीणों में शिक्षा के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ा है। पहले जहां शिक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता की कमी थी। वहीं अब ग्रामीण शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं और वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इसके साथ ही, शिक्षा के फायदे और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उन्हें दी गई है, जिससे उन्हें अपनी स्थिति सुधारने का अवसर मिला है। अभियान न शिक्षा के लिए एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाए हैं।