बीजापुर

CG assembly election 2023 : नक्सलगढ़ में विकास बना चुनौती , बेरोजगारी से युवा त्रस्त , कर रहे पलायन

CG assembly election 2023 : क्षेत्रफल की दृष्टि से बीजापुर विधानसभा क्षेत्र बस्तर संभाग की सबसे बड़ी सीट है। यह क्षेत्र धुर नक्सल प्रभावित होने के कारण विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है।

बीजापुरMay 31, 2023 / 01:57 pm

Rajesh Lahoti

CG assembly election 2023 : नक्सलगढ़ में विकास बना चुनौती , बेरोजगारी से युवा त्रस्त , कर रहे पलायन

कमलेश्वर सिंह पैकरा
CG assembly election 2023 : क्षेत्रफल की दृष्टि से बीजापुर विधानसभा क्षेत्र बस्तर संभाग की सबसे बड़ी सीट है। यह क्षेत्र धुर नक्सल प्रभावित होने के कारण विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है। एक नेशनल पार्क, वन एवं खनिज सम्पदा के अकूत भंडार मौजूद होने के बावजूद यहां उद्योग तो दूर लोगों को मूलभूत सुविधा भी मुहैया नहीं हो पा रही है। प्रोजेक्ट टाइगर का दर्जा प्राप्त इंद्रावती नेशनल पार्क में बाघ के बजाय सिर्फ नक्सली ही दिखाई देते हैं। पत्रिका ने बीजापुर के भैरमगढ़, कुटरू, बारदेला, बीजापुर, आवापल्ली, (CG Vidhansabha Election) रुद्ररम और तिमेड का भ्रमण कर चुनाव पूर्व लोगों का मन टटोलने की कोशिश की तो पाया कि इस सरकार में जनहित कुछ काम तो हुए हैं, पर विकास के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना अभी शेष है।
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जिला मुख्यालय में ही पेयजल संकट
जिला मुख्यालय बीजापुर के सबसे बड़े वार्ड शांतिनगर में पानी की किल्लत आम बात है। पानी टैंकर का सप्ताह में दो फेरा लगता है। (CG Vidhansbha 2023) यहां पाइपलाइन तो बिछी है, पर पानी गायब है। पार्षद पुरुषोत्तम सल्लूर कहते हैं कि वार्ड में मकानों की संख्या जिस अनुपात में बढ़ रही है, उस अनुपात में सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। टैंकर से पानी सिर्फ पीने के लिए ही मिलता है, नहाने और अन्य निस्तारी के लिए 8 किमी दूर तालाब जाना पड़ता है।
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डीएमएफ और सीएसआर मदों से विकास का दावा

बीजापुर जिले के कई गांव बैलाडीला की तराई के इलाके में स्थित हैं। यहां पर बैलाडीला लौह अयस्क के लाल पानी के कारण खेतों में फसलें प्रभावित हो रही हैं। इसी तरह पेयजल और निस्तारी सुविधा के लिए भी ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। (CG Election Update) बीजापुर के चेरपाल में नल जल योजना के तहत कनेक्शन तो लगाए गए, पर ढाई साल में अब तक पानी नहीं आ सका है। खनिज न्यास संस्थान द्वारा वर्ष 2019-20 से अब तक 154 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से 535 विभिन्न कार्य करवाए जाने का दवा किया गया है।

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विकास करने नहीं, रोकने के लिए हो रहे आंदोलन

विकास के लिए लोग आंदोलन का सहारा लेते हैं, पर बीजापुर ऐसा इलाका है जहां चल रहे सड़क और पुल-पुलिया निर्माण रोकने के लिए स्थानीय लोग कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। ग्राम बेदरे के मंगडू कतलाम का कहना है कि हमे न तो सड़क चाहिए, न पुल और न ही सुरक्षाबलों के कैंप। जो निर्माण चल रहे हैं सब बंद कर दो। हमें सुख सुविधाएं नहीं चाहिए। (CG Aseembly 2023) हमें हमारे हाल पर छोड़ दो। बता दें कि बीजापुर जिले में सतवा-मंगलनार के समीप इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण, बोदली बंगोली मार्ग पर इंद्रावती नदी में उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पामगल मोटूपल्ली मार्ग पर चिंतावागू नदी में उच्चस्तरीय पुल निर्माण तथा कुटरु माटवाड़ा मार्ग पर मिंगाचल नदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण का कार्य जारी है। साथ ही पिनकोंडा तालनार मार्ग पर मरी नदी में पुल निर्माण शुरू किया गया है।(CG Assembly Election) इसके अलावा सड़कों के निर्माण के लिए सुरक्षाबलों के कैंपों की स्थापना की जा रही है। जिसके चलते यहां के आदिवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। (CG Vidhansabha Chunav) बुरजी, मेटापाल, सिलगेर सहित फुंडरी भैरमगढ़ में मूलवासी बचाओ मंच के बैनर तले सड़क और पुल निर्माण का विरोध लगातार जारी है।

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बेरोजगारी से त्रस्त युवा कर रहे हैं पलायन
बीजापुर जिले के युवा रोजगार बेहतर विकल्प के लिए पड़ोसी राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं। यहां उद्यमिता और कौशल विकास के प्रशिक्षण केंद्रों से निकलने वाले युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार न होने से पलायन करना मजबूरी हो गई है।(CG Election) स्थानीय स्तर पर न कोई उद्योग स्थापित है और न कोई विकल्प। हाल के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में साढ़े तेरह हजार से ज्यादा युवा रोजगार दफ्तर में पंजीकृत हैं। हालांकि बेरोजगारी भत्ते के लिए आए आवेदनों की स्कूटनी में करीब 650 ही पात्र और 125 आवेदनों को निरस्त किया जा चुका है। (CG Election2023) सरकारी दावों में औद्योगिक विकास के तहत 4 इकाइयों में करीब 3.72 करोड़ रुपयों के पूंजी निवेश के साथ 36 लोगों को स्थायी रोजगार दिए जाने का दावा किया जा रहा है।

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