महाप्रभु के नाम अरबों का दान…
जगन्नाथ भगवान की चल और अचल संपत्ति अरबों में है। श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासक के पास इसकी जिम्मेदारी है। इस पद पर आईएएस अधिकारी तैनात किया जाता है। महाप्रभु जगन्नाथ की जमीन भी देश के कोने-कोने में है जिसका मूल्यांकन अरबों में किया गया है। लोक कल्याण के लिए लोगों सैकड़ों सालों से जगन्नाथ जी के नाम पर दानपुण्य करते आ रहे हैं।
डेडलाइन तय करने के बाद भी नहीं हुआ ऐक्शन…
अभी पिछली विधानसभा की बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रताप जेना ने विपक्ष के एक सवाल के जवाब में उत्तर दिया था कि महाप्रभु जगन्नाथ के खाते में जमा 545 करोड़ रुपया राज्य सरकार यस बैंक से निकालकर किसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय बैंक में जमा करेगी। इसके मार्च माह तक डेड लाइन भी सदन में बताई गई थी पर बैंक की हालत उससे पहले ही खस्ता हो गई। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने केंद्र सरकार से बातचीत के बाद यस बैंक को प्रतिबंधित कर दिया।
क्या बोले मंत्री…
ओडिशा सरकार के विधि मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि यस बैंक में महाप्रभु जगन्नाथ के नाम से जमा राशि पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि यह रकम यस बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा है जो कि 16 से 29 मार्च की तारीखों में मेच्योर होगी। मंदिर प्रबंध समिति का फैसला है कि इसके बाद इसे राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा करा दिया जाएगा। नवीन सरकार में पूर्व मंत्री पुरी के पूर्व विधायक महेश्वर महंति का मानना है कि ब्याज दर ज्यादा होने के लालच में इतनी बड़ी रकम प्राइवेट बैंक में जमा कराई गई जो कि गलती है। धन राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रहता है। इसके लिए श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन जिम्मेदार है और जवाबदेह भी।
बुरे दौर से गुजर रहा बैंक…
औसत से ज्यादा ब्याज देने के लिए चर्चित यस बैंक बीते कुछ समय से अपने बुरे दौर से गुजर रहा था। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक पर पाबंदी लगाते हुए निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। यस बैंक के संकट के पीछे पारिवारिक कारण भी बताया जाता है। उधर श्रीमंदिर के हजारों सेवायतों ने श्रीमंदिर की वित्तीय व्यवस्था पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। उनका कहना है कि जगन्नाथ भगवान के नाम पर जमा धन जल्द ही किसी अन्य राष्ट्रीय बैंक में जमा कर देना चाहिए था। सरकार ने विधानसभा में यह आश्वासन भी दिया था। पर राज्य सरकार और श्रीमंदिर प्रशासन ने लापरवाही की। इस पूरे प्रकरण पर श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक और जिलाधिकारी ने टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया है।