भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और कश्मीर में अशांति व सीमा पार से आतंकी धमकी के बीच क्यूआरएसएएम (क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल) का परीक्षण इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज लांच पैड-3 से किया गया। त्वरित प्रतिक्रिया के साथ सतह से हवा में मार करने वाली कम दूरी की यह स्वदेशी मिसाइल रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे छोड़ी गई।
यह है खासियत
यह पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ ( DRDO ) द्वारा विकसित इस मिसाइल की मारक दूरी 25 से 30 किलोमीटर है। सीमा के इर्दगिर्द मंडराने वाले विमान जैसे टारगेट को भारतीय सेना ( Indian Army ) इस मिसाइल से बड़ी आसानी से भेद सकती है। इस मिसाइल का चालू वर्ष में दूसरा परीक्षण था। इससे पूर्व 26 फरवरी 2019 को सफल परीक्षण किया गया था। पहली बार इसका परीक्षण चार जून 2017 को इसका परीक्षण यहीं चांदीपुर से किया गया था। क्यूआरएसएएम मिसाइल को त्वरित प्रतिक्रिया वाली मिसाइल के रूप में तैयार किया गया है। सभी राडारों, इलेक्ट्रोनिक आप्टिकल प्रणाली, टेलीमेट्री प्रणाली और अन्य स्टेशनों से मिसाइल पर निगरानी रखी गई।