Puri Rath Yatra 2019 ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/04/yat_4793632-m.png”>
हम बात कर रहे है नेपाल सीमा क्षेत्र बिहार के जनकपुरी (दरभंगा) निवासी साधु रघुवीर शरण (54) की। रघुवीर महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन के लिए दण्ड प्रणाम यानि साष्टांग प्रणाम करते करते 3 साल बाद जनकपुरी से पुरी धाम पहुंचे है। उनकी साष्टांग प्रणाम दर्शन यात्रा 3 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी। उनका कहना है कि भगवान को पाने का यह एक योग है। उन्हें विश्वास है कि भगवान जगन्नाथ उन्हें दर्शन देंगे।
महाप्रभु के दर्शन की आस ले आई प्रभु के द्धार
रघुवीर शरण के साथ लाल बाबा और एक अन्य शिष्य भी है। वह कहते हैं यह एक तपस्या है ईश्वर की प्राप्ति के लिए। उनका कहना है कि वैष्णव क्षेत्र से वह शैव क्षेत्र रामेश्वरम जाएंगे। साधु रघुवीर पुरी से 10 किलोमीटर पहले चंदनपुर के निकट मिले थे। उनके सहयोगी लोगों की मदद से खाना पीना व अन्य जरूरत की वस्तुएं एकत्र करते हैं।
बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भक्त गण महाप्रभु जगन्नाथ, उनके बडे भाई बालभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ को खींचते हैं। तीनों रथ को खींचते हुए भक्त गण 2 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर तक ले जाते हैं। यह महाप्रभु की मौसी का घर हैं। यहां महाप्रभु 7 दिन तक रहते हैं। 9वें दिन उन्हें पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर लाया जाता है। इसे जन्म भूमि वापसी कहते है।