चित्रों को उकेरने वाले आर्टिस्ट का नाम अज्ञात है…
•Dec 03, 2018 / 03:39 pm•
Prateek
(भुवनेश्व): ओडिशा के पुरी की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के 19 सदी में उकेरे गए तैलचित्र अभी भी विक्टोरिया अलबर्ट संग्रहालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। रथयात्रा दुनिया के कई देशों में यहां तक कि पाकिस्तान में भी निकाली जाती है। पुरी में तो देश दुनिया से लाखों भक्त एकत्र होते हैं। विक्टोरिया अलबर्ट म्यूजियम में रथयात्रा के कई चित्र हैं, जिन्हे देखने के लिए लोग जाते हैं।
मेक इन ओडिशा कानक्लेव में आए विदेशी उद्यमियों ने कहा भी था कि पुरी रथयात्रा के कारण ओडिशा का नाम दुनिया में चर्चित है। म्युजियम में महाप्रभु जगन्नाथ, देवी सुभद्रा, बलभद्र और सुदर्शन के चित्र हैं। ये चित्र 1822 में तैयार किए गए बताए जाते हैं। हालांकि इन चित्रों को उकेरने वाले आर्टिस्ट का नाम अज्ञात है।
महाप्रभु के रथ को खींचते हुए उनके भक्तगण वाले इस रथ की ऊंचाई 46.5 सेंटीमीटर और 67.5 सेमी. चौड़ाई है। विक्टोरिया एंड अलबर्ट की अधिकारिक वेबसाइट में कपड़े पर बनाए गए इन चित्रों का उल्लेख है। रथयात्रा के रथ काष्ठकला का भी सजीव उदाहरण है। कुछ चित्र 51 सेमी लंबे और 71.5 सेमी चौड़े हैं। ये चित्र भी 1822 के हैं। जगन्नाथ रथयात्रा के 6 चित्र हैं।
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