भुवनेश्वर

मिठास पर जंगः रसगुल्ला पर ओडिशा को भी जीआई टैग, नाम हुआ ‘ ओडिशा रसगोला ‘

Odisha Rasgulla: रसगुल्ला पर पहला जीआई ( Geographical Identification ) टैग पश्चिम बंगाल को मिला। ‘बंगालर रसोगोल्ला’ तो इसी मिठाई पर दूसरा जीआई टैग आज ही ओडिशा को आवंटित किया गया, ‘ओडिशा रसगोला’

भुवनेश्वरJul 29, 2019 / 05:49 pm

Brijesh Singh

मिठास पर जंगः रसगुल्ला पर ओडिशा को भी जीआई टैग, नाम हुआ ‘ ओडिशा रसगोला ‘

( भुवनेश्वर, महेश शर्मा )। तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय-जय। न तुम हारे न हम हारे। जी हां, ये गीत राज कपूर की फिल्म दीवाना का है। बड़ा डिप्लोमैटिक गीत है। परस्पर विरोधी जंग का ऐसा हल कि दोनों ही खुश और गले मिलकर हंस रहे हैं। ऐसा ही हल एमएसएमई मत्रालय ने रसगुल्ला को जीआई टैग देने के मामले में किया। मिठास की इस जंग में आमने-सामने थे ओडिशा और पश्चिम बंगाल। एक तरफ ममता बनर्जी ( Mamta Banerjee ) तो दूसरी तरफ नवीन पटनायक ( Naveen Patnaik )।

पहला जीआई टैग मिला प. बंगाल को

गौरतलब है कि रसगुल्ला पर पहला जीआई ( Geographical Identification ) टैग पश्चिम बंगाल को मिला। ‘बंगालर रसोगोल्ला’ तो इसी मिठाई पर दूसरा जीआई टैग आज ही ओडिशा को आवंटित किया गया, ‘ओडिशा रसगोला’ ( odisha Rasgulla )। बहरहाल अब जीआई टैग ( GI TAG ) ने बीच का रास्ता निकालते हुए प्रदेशों के नाम से जीआई टैग दे दिया है। एक का नाम है बंगालर रसोगोल्ला ( Bangalar Rasgulla ) तो दूसरे का ओडिशा रसगोला। हालांकि मूल सवाल वहीं पर है कि कोई भी पदार्थ पहले एक ही क्षेत्र में बनाया गया होगा। रसगुल्ला पहले ओडिशा में बना कि पश्चिम बंगाल में यह लड़ाई तो वैसे के वैसे बनी है।

दावा: ओडिशा के पास हैं दस्तावेजी सबूत

odisha rasgulla

दस्तावेजी सबूत हैं कि सदियों पहले रथयात्रा ( Jagannath Rathyatra ) के दौरान माता लक्ष्मी को मनाने के लिए महाप्रभु जगन्नाथ ( Mahaprabhu Jagnnath ) उन्हें रसगोला खिलाकर उनका गुस्सा शांत करते हैं। यह प्रथा ओडिशा में अब भी जारी है। समय पर कागजी सबूत जीआई टैग आफिस चेन्नई को न देने से फैसला पश्चिम बंगाल के हक में चला गया था। यह मिठाई अबकी ओडिशा रसगोला के नाम से रजिस्टर्ड हुई। इस जीआई टैग की वैधता 22 फरवरी 2028 तक रहेगी। इस खुशी में ओडिशा में जश्न का माहौल है। यहां पर उल्लेखनीय है कि नवंबर 17 को बंगालर रसोगोल्ला का जीआई टैग पश्चिम बंगाल को मिल गया था। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई थी। ओडिशा सरकार के तत्कालीन वित्तमंत्री शशिभूषण बेहरा ने कहा था कि यह मिठाई ओडिशा की है और रहेगी। जीआई टैग के लिए जंग जारी है।

अदालती लड़ाई जारी है

बीती फरवरी 2018 को ओडिशा हाईकोर्ट ( Odisha High Court ) में इसी प्रकरण को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें पश्चिम बगाल को आवंटित जीआई टैग पर सवाल उठाए गए थे। यही नहीं रसगुल्ला की जंग विधानसभा में छिड़ी। विपक्ष ने नवीन सरकार को घेरते हुए कहा था कि जीआई टैग लूज करने के पीछे सरकार की लापरवाही है। पैरवी सही नहीं की गई। तब सरकार की ओर से तत्कालीन एमएसएमई मंत्री प्रफुल्ल सामल ने कहा था कि अबकी पुख्ता दावेदारी की गई है। पश्चिम बंगाल ठहर नहीं पाएगा। सभी कागजात दाखिल कर दिए गए हैं। चेन्नई आफिस के संपर्क में सरकार है, रसगुल्ला ओडिशा का है और ओडिशा का ही रहेगा। सारे कागज 12 अगस्त 2018 को कागजात दाखिल किए जा चुके हैं। जीआई टैग के 14 बिंदुओं ओडिशा सरकार ने जानकारी दाखिल की है जो दावे को पुख्ता करते हैं।

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