भुवनेश्वर

गणतंत्र दिवस होगा खास, पहली बार देखने को मिलेगा बोंडा आदिवासियों का नृत्य

Odisha News: ओडिशा राज्य के मलकानगिरि जिले में (Bonda Tribe Information) बोंडा आदिवासी (Bonda Tribal) बड़ी संख्या में हैं, यह (26 January 2020) समुदाय आधुनिकता से (26 January Celebration) कोसों दूर (Republic Day Celebration) हैं…

भुवनेश्वरJan 25, 2020 / 06:03 pm

Prateek

गणतंत्र दिवस होगा खास, पहली बार देखने को मिलेगा बोंडा आदिवासियों का नृत्य

(भुवनेश्वर,महेश शर्मा): आजादी के 72 साल पूरे कर चुके हमारे प्यारे देश में रविवार को 71वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। इतने सालों बाद भी बोंडा आदिवासी समाज के लिए सड़क, गाड़ी, रेलगाड़ी, चौड़ी सड़कों पर भागती गाड़ियां, स्कूल आदि सपना है। लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर बोंडा आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। पहली बार भुवनेश्वर में होने वाले मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह में बोंडा आदिवासी पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।

 

यह भी पढ़ें

आतंकियों के साथ पकड़े जाने पर बोला DSP- ”आपने पूरा खेल बिगाड़ दिया”, पूछताछ में हुए बड़े खुलासे

 

बोंडा आदिवासियों से जुड़ी रोचक जानकारी…

ओडिशा राज्य के मलकानगिरि जिले में बोंडा आदिवासी बड़ी संख्या में हैं। यह समुदाय आधुनिकता से कोसों दूर हैं। बताते हैं कि यहां पर बोंडा महिलाएं आज भी पत्ते, पेड़ों और जानवरों की छाल पहनती है। विशेष वेशभूषा से इनकी संस्कृति झलकती है। अधोवस्त्र गले में चांदी का हार पहनती हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम की पत्नी सीता के श्राप के कारण ही ये केवल नीचे के शरीर को ही ढकती हैं। चित्रकला में ये माहिर होते हैं। खेतीबारी इनका व्यवसाय है। पैटखंड इनका प्रमुख त्योहार होता है। अलौकिक शक्तियों पर विश्वास करने वाले बोंडा आदिम जनजाति की प्रमुख पृथ्वी देवी होती हैं। ये सूर्य चंद्रमा और सितारों की भी पूजा करते हैं। कीचड़, गोबर, भूसे के मकान बनाकर रहते हैं। इनके विवाह भी रोचक होते हैं। 14 साल की लड़की का वर 28 साल का होना जरूरी है।

यह भी पढ़ें
खानाबदोश ने पुलिस को चौंकाया, अंग्रेजी में लिखी शिकायत, पिता है पूर्व DSP और खुद…

 

सीएम ने दिया विकास का आश्वासन…

गणतंत्र दिवस की परेड में बोंडा पारंपरिक परिधान और नृत्य गायन का प्रदर्शन करेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इनके लिए विशेष परिधान तैयार किया गया है। शनिवार को भी इनकी नृत्यमंडली ने महात्मा गांधी मार्ग पर रिहर्सल किया। बोंडा आदिवासी मलकानगिरि के बीहड़, पहाड़ी क्षेत्र में विशेष रूप से पाई जाती है। इन्हें रेमो बोंडा के नाम से भी जाना जाता है। पहली बार गणतंत्र दिवस में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित बोंडा आदिवासियों को आश्वासन दिया गया है कि उनके गांव में विकास कराने की दिशा में सरकार गंभीर है। यही नहीं कायापलट का संकल्प लिया जा चुका है। मुख्यधारा में लाने की कवायद गणतंत्र दिवस से शुरू हो चुकी है।


ओडिशा की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

यह भी पढ़ें: एमबीए-पीएचडी कर ‘बेलन-रोटी’ फूड स्टाल से आत्मनिर्भरता के गुर सिखा रहीं सहेलियां

Hindi News / Bhubaneswar / गणतंत्र दिवस होगा खास, पहली बार देखने को मिलेगा बोंडा आदिवासियों का नृत्य

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.