भुवनेश्वर

चक्रवात फानी का दंश झेल चुके ओडिशा में ‘मिशन ग्रीन’ को सफल बनाने की चुनौती, 24 लाख पेड़ लगाएगी सरकार

एक अनुमान के मुताबिक 14 लाख छायादार फलदार पेड़ जड़ से ही उखड़ गए हैं…

भुवनेश्वरMay 16, 2019 / 07:50 pm

Prateek

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(भुवनेश्वर): फानी के बाद सेवा बहाली को लेकर युद्धस्तर पर चल रहे काम को देखते हुए भले ही बिजली, पानी, संचार व स्वास्थ सेवा ठीक हो जाएं पर लाखों की संख्या में पेड़ गिरे हैं, दोबारा वृक्षारोपण कराके पहले जैसा ओडिशा बनाना कठिन कार्य है। इसे ग्रीन कवर कहा जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 14 लाख छायादार फलदार पेड़ जड़ से ही उखड़ गए हैं। राज्य सरकार का संकल्प है कि 24 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इसे टास्क के रूप में लिया जाएगा। यहां पर आपको याद दिला दें कि महानदी जल विवाद के दौरान इसी सरकार का यह भी दावा था कि संबलपुर से लेकर जगतसिंहपुर तक महानदी के दोनों ओर करोड़ों की संख्या में वृक्षारोपण कराया जाएगा ताकि हरियाली बनी रहे।

 

पेड़ उखड़ने की सर्वाधिक घटनाएं पुरी, खोरदा, भुवनेश्वर व कटक समेत 14 फानी प्रभावी जिलों में हुई हैं। ओडिशा राजधानी भुवनेश्वर न केवल स्मार्ट सिटी नंबर वन हुआ करता था बल्कि ग्रीनरी के मामले में भी यह देश में अव्वल कहा जाता था। अब तो बिलकुल ही छांव विहीन हो गया है। ऊपर से 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान। दोपहर में राजधानी में सन्नाटा पसर जाता है। यही नहीं फानी चक्रवात ने वाइल्डलाइफ सेंचुरी पर भी गहरा असर डाला है। चंडाका तो राजधानी का ग्रीन क्षेत्र कहा जाता था। अब यहां हजारों पेड़ उखड़ चुके हैं। यही हाल कमोबेश नंदन कानन प्राणि उद्यान का है। पार्क तो लगभग सभी उजड़ गए हैं। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की क्षति का आंकलन किया गया है। श्रीजगन्नाथ मंदिर को 5.10 करोड़ की क्षति हुई है।

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