भोपाल

बस इतनी सी है चाह, संकट की घड़ी में भूखे पेट नहीं सोने पाए कोई व्यक्ति

Patrika Positive News: पत्रिका पॉजिटिव न्यूज कैंपेन के अंतर्गत हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से ये युवा लोगों की मदद कर रहे हैं….

भोपालMay 14, 2021 / 02:14 pm

Astha Awasthi

corona Epidemic

भोपाल। कोरोना से लड़ी जा रही जंग में जहां एक तरफ डॉक्टर और मेडिकलकर्मी मरीज़ों की मदद के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग मसीहा (Patrika Positive News) बन कर सामने आए हैं। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सभी काम धंधे बंद हैं। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। किराना आदि की दुकानें बंद होने से लोग परेशान हैं। वहीं सबसे अधिक समस्या गरीब बेसहारा वृद्धों, मरीज़ों और उनके अटेंडेंट्स को हो रही है।

इस संकट की घड़ी में शहर के कुछ उत्साही युवाओं ने इन जरूरतमंदों की सेवा करने का संकल्प लिया है। ये युवा अस्पताल के बाहर मरीज के परीजनों और गरीब वृद्धों को भोजन के पैकेट पहुंचा रहे हैं।

सभी को आगे आने की है जरुरत

राजधानी के कोटरा सुल्तानाबाद में रहने वाले ‘हम लोग’ शिक्षा एंव समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष नीतेश नेमा अपने दोस्तों मुनिन्द्र सिंह, राहुल गजवीय, अमित सोनी एवं राकेश के साथ मिलकर नेक काम कर रहे हैं। कोरोना संकट की दूसरी लहर में वे रोज अस्पतालों के बाहर मरीजों के परिजनों के लिए खाना लेकर पहुंचते है। परिजनों के साथ ही आसपास की बस्तियों में रहने वाले लोगों व बच्चों को खाने के पैकेट दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय देश पर संकट खड़ा है, इसलिए सभी को आगे आने की जरूरत है।

muhim.png

ले लिया है दो वक्त की रोटी का जिम्मा

नीतेश का कहना है कि शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है लेकिन गरीब लोगों के लिए ये परेशानी बन रहा है। लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिस लगातार सख्ती कर रही है ताकि लोग घरों में सुरक्षित रह सकें मगर इस लॉकडाउन के कारण कई परिवारों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही।

साथ ही मरीजों के परिजनों के खाने के व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है क्योंकि सारे होटल, रेस्ट्रो बंद हैं। ऐसे में इन परिवारों तक भोजन पहुंचाने का जिम्मा हमने लिया है। हम रोज 150 पैकेट खाने के बांटते हैं साथ ही बच्चों के लिए बिस्कुट और टॉफी का वितरण भी किया जाता है। आगे आने वाले दिनों में भी इस काम को निरंतर जारी रखेंगे।

Hindi News / Bhopal / बस इतनी सी है चाह, संकट की घड़ी में भूखे पेट नहीं सोने पाए कोई व्यक्ति

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.