सहकारिता विभाग सभी 4500 से अधिक प्राथमिक कृषि साख समितियों के जरिए इन एटीएम का संचालन करेगा। एटीएम लगाने और संधारण का काम कंपनियां करेंगी। सहकारी बैंक भी डाटा अन्य बैंकों की तरह बैंकिंग सर्वर से लिंक करेगा, ताकि सहकारी बैंकों के एटीएम के जरिए किसान व्यावसायिक बैंकों के एटीएम से रुपए निकाल सकें।
माइक्रो एटीएम में पैसे जमा करने व निकालने के बाद पर्ची जनरेट होगी- वर्तमान में किसानों को पैसे लेने व जमा करने के लिए सहकारी बैंकों और समितियों तक जाना होता है। ये दोनों काम इस मशीन से हो सकेंगे। माइक्रो एटीएम में पैसे जमा करने व निकालने के बाद पर्ची जनरेट होगी। किसानों को मोबाइल नंबर पर मैसेज आएगा।
किसानों को जितनी मात्रा में खाद-बीज की जरूरत होगी, उसके अनुसार वे पर्ची निकाल लेंगे- प्रदेश में 28 लाख किसान सहकारी समितियों व सहकारी बैंकों के सदस्य हैं। एटीएम से किसानों को खाद-बीज अन्य ऋण लेने में आसानी होगी। किसानों को जितनी मात्रा में खाद-बीज की जरूरत होगी, उसके अनुसार वे पर्ची निकाल लेंगे। इसी पर्ची को समितियों में दिखाकर खाद-बीज ले सकेंगे।