मध्य प्रदेश समेत देश के 17 राज्य चिह्नित
राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन 2047 में देश के 17 राज्य शामिल हैं। मिशन में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के 89 विकासखण्डों में लगभग 1 करोड़ 11 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है। दूसरे चरण में अब तक 49 लाख 17 हज़ार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 1 लाख 20 हज़ार 493 सिकल वाहक एवं 18 हजार 182 सिकल रोगी चिन्हित किए गए हैं। बता दें कि MP के हर जिला चिकित्सालय में जांच की व्यवस्था की गई है। सिकलसेल एनीमिया की पुष्टिकरण जांच पीओसी किट द्वारा स्क्रीनिंग स्थल पर त्वरित जांच परिणाम प्राप्त कर सिकल रोगी का प्रबंधन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सिकलसेल वाहकों को अब तक 22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।एमपी में जनजातीय आबादी सबसे ज्यादा शिकार
मध्य प्रदेश में जनजातीय आबादी सिकल सेल एनीमिया जैसे गंभीर रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसीलिए इसके प्रबंधन, रोकथाम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 2023 में राष्ट्रीय स्तर के अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश से की थी। पीएम के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 19 जून को मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में आयोजित सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए।क्या है सिकल सेल एनीमिया? (What is Sickle Cell Anaemia)
सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक बीमारी है। इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या उनका साइज और शेप बदलने लगता है, जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर का कारण बनता है। सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है। वहीं शरीर में खून की कमी होने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों को डैमेज करने लगता है। इनमें किडनी, स्पिलीन यानी तिल्ली और लिवर जैसे अंग शामिल हैं।सिकल सेल एनीमिया के लक्षण (Sickle Cell Anaemia Symptoms)
जब भी किसी को सिकल सेल एनीमिया हो जाता है तो उसमें कई लक्षण दिखाई देते हैं। – हर समय हड्डियों और मसल्स में दर्द रहना।– तिल्ली का आकार बढ़ जाता है।
– शरीर के अंगों खासतौर पर हाथ और पैरों में दर्द भरी सूजन आ जाती है।
– खून नहीं बनता।
– बार-बार खून की भारी कमी होने के कारण अक्सर खून चढ़ाना पड़ता है।